यूनिवर्साये एक्लेसिया से कलीसिया के अंदर मेलमिलाप को बढावा
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा सन 2007 में अंतःप्रेरणा से रचित " सोम्मोरूम फोंटिफिकुम
" नामक संदेश के निर्देशों को लागू किये जाने पर यूनिवर्साये एक्लेसिया नामक नया निर्देश
3 साल बाद जारी किया गया। इस पर धर्मसिद्धान्त संबंधी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष
कार्डिनल विलियम लेवादा ने हस्ताक्षर किये हैं। सन 2007 के निर्देश के अनुसार लैटिन
भाषा और द्वितीय वाटिकन महासभा के पूर्ववाली लैटिन रीति में पूजनधर्मविधि चाहने वाले
विश्वासियों के लिए भी उपयुक्त व्यवस्था करने को कहा गया था। द्वितीय वाटिकन महासभा के
बाद क्षेत्रीय भाषाओं में ख्रीस्तयाग सम्पन्न किये जाने की परम्परा शुरू हुई जो अबतक
लागू है तथा पुरोहित अधिकांश समय भक्त समुदाय की ओर मुख कर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हैं।
संत पापा के संदेश के तीन 3 साल के बाद लैटिन ख्रीस्तयाग को चाहनेवाले विश्वासियों
के लिए भी यथासंभव व्यापक स्तर पर उपयुक्त व्यवस्था करने के लिए धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन
दिया गया है। यह कामना की गयी है कि इस नये निर्देश के प्रावधानों को लागू करने के द्वारा
कलीसिया के अंदर मेलमिलाप को समर्थन मिलेगा।