भोपालः हिन्दु धर्म की शिक्षाओं तक न सीमित रहने की मांग
भोपाल, 11 मई 2011 (ज़ेनित) : मध्यप्रदेश के धार्मिक नेता सरकार से आग्रह कर रहे हैं
कि वह मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों को सिर्फ हिंदू धर्म की शिक्षा तक सीमित न रखे बल्कि
पाठ्यक्रम में अन्य धर्मों की शिक्षा को भी शामिल करे।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा
पब्लिक स्कूल के शिक्षकों के लिये हिंदू परंपराओं और संस्कारों पर कक्षाओं का प्रावधान
बनाने तथा हिंदू पवित्र ग्रन्थों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाये जाने के निर्णय के बाद
विभिन्न धार्मिक समूहों के नेताओं ने सरकार से अपील की है कि वह अन्य धर्मों की प्रमुख
शिक्षाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल करे।
भोपाल की काथलिक धर्माध्यक्षीय समिति
के फादर आनन्द मुत्तुंगल तथा अन्तरधार्मिक सद्भावना न्यास "हारमोनी फाऊन्डेशन" ने मिलकर
उक्त अपील जारी की। न्यास के अध्यक्ष एल.एस. हेरेन्दिया ने कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार
स्कूल पाठ्यक्रमों में सभी धर्मों की प्रमुख शिक्षाओं को सम्मिलित करे।"
फादर
आनन्द मुत्तुंगल ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि "भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता
किसी विशेष धर्म के प्रोत्साहन को परिभाषित नहीं करती बल्कि उसमें, सद्भाव को बढ़ावा
देने की ख़ातिर सभी धार्मिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने की जगह है इसलिये हम आग्रह करते
हैं कि बच्चों को, सभी प्रमुख धर्मों के मूल्यों से परिचित होने का मौका दिया जाये।"
सद्भाव न्यास ने इस बात पर बल दिया कि वह पाठ्यक्रम में किसी एक धर्म के शामिल
किए जाने का विरोध नहीं करता है, लेकिन सरकारी कार्यक्रमों और स्कूलों में सभी प्रमुख
धर्मों के लिए जगह का प्रस्ताव करता है।