नई दिल्लीः सन् 2008 में धर्मबहन के बलात्कार के दो आरोपी रिहा
नई दिल्ली, 11 मई सन् 2001 (एशिया न्यूज़): उड़ीसा में सन् 2008 के दौरान हुई ख्रीस्तीय
विरोधी हिंसा में एक काथलिक धर्मबहन का शील हरण करनेवाले दो आरोपियों को रिहा कर दिया
गया है।
उड़ीसा हाई कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी पंडित कुमार बिसमाजी तथा जाटिया
साहू को 20,000 रुपये की ज़मानत पर मुक्त करने का फ़ैसला सुनाया। क्राईम ब्रान्च ने इन
दोनों को विगत वर्ष जून माह में यह आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था कि इन्होंने आक्रमण में
हिस्सा लिया था।
ग़ौरतलब है कि 25 अगस्त सन् 2008 को कान्धामाल में, माओवादियों
द्वारा, हिन्दू नेता स्वामी लक्ष्मणानन्द की हत्या के बाद ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु
चरमपंथियों की जघन्य हिंसा भड़क उठी थी। जो कई सप्ताहों तक चली। 25 अगस्त को ही हमलावरों
के एक दल ने 29 वर्षीय सि. मीना बरवा का शीलहरण किया था।
आरम्भिक जाँच पड़ताल
के अनुसार क्राईम ब्रान्च ने तीस व्यक्तियों पर बलात्कार का आरोप लगाया था जिनमें से
पुलिस ने केवल 22 को गिरफ्तार किया था। इनमें से 17 को ज़मानत पर छोड़ दिया गया है।
कटक
भूबनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा ने उक्त दो आरोपियों को रिहा करने के उड़ीसा हाईकोर्ट
के निर्णय पर आश्चर्य जताया तथा कहा कि इस प्रकार का निर्णय महिलाओं की मर्यादा एवं हमारे
प्रिय देश की प्रतिष्ठा का अपमान है।
सि. मीना ने स्वयं सी.बी.आई. से उक्त प्रकरण
की जाँच पड़ताल का ज़िम्मा लेने का निवेदन किया था क्योंकि, उनके अनुसार, स्थानीय पुलिस
हमलावरों के साथ संलिप्त थी।