2011-05-07 20:25:52

अमेरिका में कम उम्र में पुरोहित बनने का सिलसिला जारी


वॉशिंगटन डीसी, 7 मई, 2011( ज़ेनित) अमेरिका में कम उम्र में पुरोहित बनने का सिलसिला जारी है। युनाइटेड स्टेट्स कॉन्फेरेन्स ऑफ कैथोलिक बिशप्स द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार पिछले पाँच वर्षों में 480 पुरोहित बने जिसमें 333 पुरोहित 25 से 34 वर्ष की आयु में पुरोहित बने।

ग्रेगोरियाना युनिवर्सिटी में ‘द सेंटर फॉर अपलाइड लिसर्च इन द अपोस्टोलेट’ (कारा) नामक संस्थान के अनुसार उन नवअभिषिक्त पुरोहितो में 69 प्रतिशत कोकेशियन/ यूरोपियन अमेरिकन/श्वेत, 15 प्रतिशत हिस्पानिक/ लैतिनो और 10 प्रतिशत एशिया/ प्रशांतद्वीप वासी।

नवअभिषिक्तों में अधिकतर जन्म से ही काथलिक थे और और उनकी शिक्षा-दीक्षा काथलिक परिवार में हुई जबकि सिर्फ़ 8 प्रतिशत पुरोहित ऐसे थे जिन्होंने बाद में काथलिक विश्वास को स्वीकार किया था। इनमें में एक-तिहाई पुरोहितों के संबंधी धर्मसमाजी रहे हैं।

सर्वेक्षण में इस बात का भी पता चला है कि नवअभिषिक्त पुरोहितों के करीब 21 प्रतिशत लोग सेमिनरी जाने के पूर्व विश्व युवा दिवस में हिस्सा लिया था।

70 प्रतिशत नये पुरोहितों ने बताया कि प्रार्थना उनके जीवन का अभिन्न अंग रहा है और 65 प्रतिशत लोगों ने यूखरिस्तीय बलिदान में लगातार हिस्सा लिया।

अधिकतर नये पुरोहितों से इस बात की जानकारी मिली कि जब उन्होंने पहली बार पुरोहितीय जीवन के बारे में गहराई से उस समय विचार किया जब उनकी आयु 16 थी।

ग़ौरतलब है कि 66 प्रतिशत पुरोहितों को फादरों का प्रोत्साहन मिला और 71 प्रतिशत पुरोहितों को अपने मित्रों माता-पिताओं अभिभावकों, दादा-दादियों, रिश्तेदारों और पल्लीवासियों उत्साह बढ़ाया।

अपनी हॉबी या शौक के बार में बताते हुए 73 प्रतिशत लोगों ने इसे संगीत बताया 67 प्रतिशत लोगों ने किताब पढ़ना 62 प्रतिशत पुरोहितों ने सिनेमा देखना, 41 प्रतिशत ने फुटबॉल खेलना। इनमें 33 प्रतिशत पर्वतारोहन, 33 प्रतिशत कुकिंग और 33 प्रतिशत वाद्ययंत्र के साथ समय बिताने वालों की संख्या भी पाया गया है।

रिसर्च के आँकड़े यह भी बताते हैं कि उन चार सौ अस्सी पुरोहितों में एक जन्म से बहरा और कई वियेतनाम के शरणार्थी सैन्य परिवार तथा कई अन्य मंत्रियों के परिवार जो अन्य धर्म छोड़कर काथलिक धर्म स्वीकार किये हुए हैं।









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