2011-05-02 15:57:29

धन्य जोन पौल द्वितीय ने ईसाइयों को निर्भीक बनाया


वाटिकन रेडियो, 2 मई, 2011(ज़ेनित) " धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय ने ईसाइयों को अपने विश्वास और जीवन्त सत्य को निर्भीक होकर घोषित करने में सहायता दी।"

उक्त बात संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने उस समय कहीं जब उन्होंने धन्य घोषणा समारोह में प्रवचन दिये।

विदित हो कि संत पापा ने एक मई रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में यूखरिस्तीय बलिदान की अध्यक्षता की। मिस्सा बलिदान में देश-विदेश के करीब 10 लाख लोगों ने हिस्सा लिया।

संत पापा ने कहा " अपने विश्वास प्रेम और प्रेरितिक साहस के द्वारा पोलैंड के इस आदर्श पुत्र ने दुनिया के लोगों को निर्भय होकर, अपने ख्रीस्तीय विश्वास का साक्ष्य देने, कलीसियाई जीवन बखूबी जीने और सुसमाचार का प्रचार करने के लिये बल प्रदान किया। "

उन्होंने कहा " धन्य संत पापा जोन पौल ने कहा था कि हम सत्य से न डरें क्यों सत्य ही स्वतंत्रता की गारंटी है।"

उन्होंने कहा कि " संत पापा जोन पौल द्वितीय ने हमें येसु मसीह में विश्वास करने की शक्ति दी है क्योंकि येसु ‘रिदेमतोर होमिनिस’ अर्थात ‘मानव मसीहा’ हैं।"

संत पापा ने कहा कि " धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय ने उन्हीं बातों को लोगों से करने को कहा जिन्हें उन्होंने खुद ही पूरा किया - उन्होंने ईश्वर प्रदत्त शक्ति से समाज संस्कृति, राजनीति तथा आर्थिक संरचनाओं को येसु के साथ जोड़ने का प्रयास किया। यह एक ऐसा ज्वार था जो अपरिवर्तनीय प्रतीत हुआ।"

संत पापा ने कहा कि कारोल वोयतिवा जो अब धन्य जोन पौल द्वितीय बन गये हैं लोगों को इस बात की शिक्षा दी कि " मानव चर्च का पथ है औऱ येसु मसी मानव का पथ है। "
पोप ने कहा कि धन्य जोन पौल द्वितीय ने ख्रीस्तीय धर्म के यथार्थ चेहरे को लोगों के समक्ष लाया। उन्होंने ख्रीस्तीय धर्म को आशा का धर्म कहा।

संत पापा ने कहा कि " जोन पौल के प्रार्थनामय जीवन से वे अत्यधिक प्रभावित थे। वे अपनी व्यस्तताओं के बावजूद ईश्वर से जुड़े रहते थे। उन्होंने अपनी बीमारी के बावजूद कलीसिया का नेतृत्व किया क्योंकि उनका जीवन नम्र और येसु से संयुक्त था।"














All the contents on this site are copyrighted ©.