बांग्लादेश का आधिकारिक दौरा कर रहे अंतरधार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के
अध्यक्ष 68 वर्षीय कार्डिनल ज्यां लुई तोरान ने बांग्लादेश को अंतर धार्मिक सदभावना का
नमूना कहा है। उन्होंने अपने तीन दिवसीय दौरे के समापन पर कहा कि बांग्लादेश में अनेक
अवसरों पर उन्होंने कहा कि अंतर धार्मिक संवाद और सदभावना के उदाहरण रूप में बांग्लादेश
पर विचार किया जा सकता है तथा इसे विश्व की सेवा में आदर्श या नमूना के रूप में प्रस्तुत
किया जा सकता है। उन्होंनें ढाका में 27 अप्रैल को एक कांफ्रेस के प्रतिभागियों को
सम्बोधित करते हुए कहा कि बांगलादेश ने दिखाया है यह संभव है कि लोग विभिन्न धर्मों वाले
समाज में भी शांति और सौहार्दपूर्ण जीवन जी सकते हैं। उनके विचार से यह संभव है क्योंकि
शुरू से ही बांग्लादेशी समाज में समावेशी होने की प्रकृति तथा अन्य धर्मौं के प्रति सहिष्णु
रहने की प्रवृति रही है।कार्डिनल तुरान ने जोर दिया कि आज विभिन्न धर्मों के मध्य विचार
विमर्श पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि धर्म को समस्या के रूप में देखने की
प्रवृति है। उन्होंने कहा कि जब धार्मिक नेता मिलकर बातचीत करते हैं तो समाज को लाभ होता
है। कांफ्रेंस में ख्रीस्तीय समुदायों सहित विभिन्न धर्मों के विशिष्ट प्रतिनिधियों
तथा बांगलादेश में वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष जोसेफ मारिनो, बांगलादेश
में धार्मिक मामलों के राज्यमंत्री शाहजहाँ मियाँ, संस्कृति संबंधी काथलिक राज्य मंत्री
प्रमोद मानकी देश के सब काथलिक धर्माध्यक्षों सहित लगभग 500 धार्मिक नेताओं ने भाग लिया।
कांफ्रेंस के दौरान पवित्र धर्मशास्त्रों पाक कुरान, गीता, तृपितका और बाइबिल से पाठ
पढ़े गये। धार्मिक प्रतिनिधियों ने भाषण दिया, भक्तिगीत गाये गये और हारमनी ब्रिंगस पीस
अर्थात सदभावना शांति लाती है शीर्षक से विशेष स्मारिका का लोकार्पण किया गया। इस कांफ्रेंस
का आयोजन काथलिक एकता और अंतरधार्मिक संवाद के लिए गठित काथलिक धर्माध्यक्षों की समिति
ने किया था।