भोपालः महाधर्माध्यक्ष ने ईसाइयों का लेखा जोखा मांगनेवाले परिपत्र की जाँच किये जाने
की मांग की
भोपाल, 20 अप्रैल सन् 2011 (ऊका समाचार): मध्यप्रदेश में भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लियो
कोरनेलियो ने ईसाइयों का लेखा जोखा मांगनेवाले परिपत्र के मुद्दे पर केन्द्रीय जाँच ब्यूरो
द्वारा पूर्ण जाँच पड़ताल किये जाने की मांग की है।
राजधानी भोपाल में, मंगलवार
को, एक प्रेस सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि केंद्रीय
जांच ब्यूरो इस बात की पूर्ण जाँच करे कि परिपत्र किसने जारी करवाया और क्यों जारी किया
गया।
ग़ौरतलब है कि 22 मार्च को मध्यप्रदेश में पुलिस मुख्यालय से एक परिपत्र
जारी किया गया था, जिसमें सभी पुलिस अधीक्षकों से ख्रीस्तीय समुदाय के गिरजाघरों, स्कूलों
तथा अन्य ख्रीस्तीय संस्थाओं का लेखा जोखा मांगा गया था। साथ ही, ख्रीस्तीय संस्थाओं
की आर्थिक स्थिति की समीक्षा, विदेशों से मिलनेवाले धन, राजनीतिक झुकाव, नए और पुराने
चर्चों के आर्थिक स्रोतों आदि के बारे में जानकारी भेजने को कहा गया था। इस आदेश को अनजाम
देते हुए मध्यप्रदेश पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों के थाना प्रभारियों से पूरी
जानकारी मांगी थी तथा पुलिस कर्मचारियों ने काम शुरु कर दिया था।
राज्य सरकार
और शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने परिपत्र वापस ले लिया है और इसके बारे में कुछ भी न मालूम
होने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने पुलिस से मांग की है कि वह इस मुद्दे की जाँच करे।
हालांकि, महाधर्माध्यक्ष कोरनेलियो का कहना है वे सरकारी जाँच पर विश्वास नहीं
करते। उन्होंने यह भी कहा कि उनका विशवास है कि सरकार कुछ ख्रीस्तीय विरोधी दलों को समर्थन
दे रही है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में, दिसंबर 2003 में भारतीय जनता पार्टी
के सत्ता में आने के बाद से ख्रीस्तीयों ने क्रमबद्ध ढंग से हमलों का सामना किया है।
पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार करने के बजाय पीड़ित ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार किया है।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि परिपत्र मुद्दे की जाँच तथा इसके ज़िम्मेदार लोगों
को न्यायोचित दण्ड देकर ही ख्रीस्तीय नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास जगाया जा
सकता है, अन्यथा नहीं।