2011-04-15 18:33:12

वाटिकन द्वारा चीन के विश्वासियों से विश्वास की रक्षा करने का आग्रह


(वाटिकन सिटी 14 अप्रैल जेनिथ) वाटिकन की चीन के विश्वासियों संबंधी आयोग ने विश्वासियों को स्मरण कराया है कि बलिदान देने की अवस्था तक कलीसिया के विश्वास रक्षा करना ही चीन में काथलिक समुदायों की नींव होनी चाहिए। यह पुष्टि गुरूवार को जारी किये गये 11 बिन्दु वक्तव्य का एक संदेश है जो चीन में कलीसिया संबंधी आयोग की रोम में सम्पन्न तीन दिवसीय बैठक के निष्कर्ष का सार प्रस्तुत करता है। इस आयोग की स्थापना संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन 2007 में की थी जिसकी चौथी बैठक सोमवार से बुधवार तक सम्पन्न हुई।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सदस्यों ने चीन में धर्मप्रांतों तथा विश्वासियों की स्थिति पर व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया। कहा गया है कि भविष्य को लेकर सामान्य तौर पर चिंता तथा दिशाभ्रम होने का माहौल है और इसके साथ ही जीवित विश्वास तथा कलीसिया का अनुभव भी है जो प्रत्येक क्षेत्र की सामाजिक वास्तविकता के साथ फलप्रद संवाद करने में भी सक्षम है।
चीन के धर्माध्यक्षों से विश्वास प्रशिक्षण के मामले में विशेष ध्यान देने का आह्वान करते हुए उन्हें आमंत्रित किया गया है कि वे पुरोहितों के सामने प्रेम, क्षमा और निष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत करें। आगामी पास्का के समय वयस्कों को बपतिस्मा दिये जाने पर कलीसिया की खुशी की भी पुष्टि की गयी है।
पिछले साल चेगडे में सम्पन्न धर्माध्यक्ष अभिषेक समारोह को दुखद अध्याय कहा गया है, इसे अमान्य करने का कारण नहीं है तथापि यह गहन रूप से तर्क विरूद्ध है क्योंकि यह संत पापा की स्वीकृति के बिना सम्पन्न किया गया था। यह कलीसिया रूपी शरीर पर गहन व्रण है। बाह्य दबावों और अन्य कारणों से उक्त समारोह में शामिल रहे धर्माध्यक्षों का दायित्व है कि वे अपनी स्थिति से परमधर्मपीठ को अवगत करायें, संत पापा के प्रति अपनी निष्ठा को नवीकृत करे ताकि आंतरिक पीड़ा पर विजय पा सकें और बाह्य तौर पर हुए अपयश में कमी लायी जा सके। चीन संबंधी मामलों में वाटिकन के आयोग ने पुरोहितों, धर्मसमाजियों और विश्वासियों से अपने धर्माध्यक्षों की कठिनाईयों को समझने तथा सहदयता और प्रार्थना द्वारा उन्हें सहयोग और उत्साह देने के लिए आमंत्रित किया है।








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