2011-04-15 18:35:03

पुरोहितों का सतत प्रशिक्षण होता रहे


(मंगलोर उकान) भारत के कर्नाटक राज्य में मंगलोर के धर्माध्यक्ष अलोसियुस पौल डिसूजा ने मंगलोर में पुरोहितों को 14 अप्रैल को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुरोहितों का सतत प्रशिक्षण होता रहे और वास्तविकता को प्रतिबिम्बित करे। उन्होंने कहा कि सेमिनरी सुरक्षित माहौल में एक कृत्रिम वातावरण की रचना करते हैं तथा चारदीवारी के बाहर की सच्चाईयों को प्रतिबिम्बित नहीं करते हैं। इसलिए प्रत्येक पुरोहित को जीवन भर पर्याप्त और सामयिक प्रशिक्षण मिलता रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्य प्रेरणा पाकर समसामयिक विभिन्न मुद्दों का नियमित रूप से समुचित जवाब देने के लिए पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक सतत प्रशिक्षण आवश्यक है। धर्माध्यक्ष डिसूजा ने कहा कि जीवन जीने तथा हर मुद्दे का ईमानदारी पूर्वक प्रत्युत्तर देने के लिए पुरोहित का निजी, मानवीय और ईशशास्त्रीय विकास महत्वपूर्ण है।
फादर विंसेट मोन्टेरो ने गोआ महाधर्मप्रांत का उदाहरण देते हुए कहा कि नव अभिषिक्त पुरोहितों के लिए एक वर्ष का प्रशिक्षण कार्य़क्रम चलाया जाता है। हर आयु वर्ग के पुरोहितों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास, रिश्तों और सामाजिक विश्लेषण पर तीन सप्ताह के प्रशिक्षण कार्य़क्रमों के अतिरिक्त वरिष्ठ और सेवानिवृत्त पुरोहितों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाये जाते हैं।
एकदिवसीय विचार गोष्ठी के दौरान भविष्य में परिस्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने के लिए पुरोहितों और सरकारी अधिकारियों के मध्य संवाद पर बल देते हुए आपदा प्रबंधन, कानून, पर्यावरण विज्ञान तथा सांस्कृतिक विरासतों का अध्ययन करने का सुझाव दिया गया।








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