वाटिकन प्रवक्ता ने कहा जनसंख्या नहीं लेकिन गरीबी दूर करें
(काथलिक कल्चर) संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी पर्य़वेक्षक महाधर्माध्यक्ष
फ्रांसिस चुल्लीकाट ने जनसंख्या और विकास विषय पर संयुक्त राष्ट्र संघ के 44 वें सत्र
को मंगलवार को सम्बोधित करते हुए कहा कि निर्धनों को ही समस्या मानने की अपेक्षा प्रतिदिन
1.25 डालर से कम आय पर जीवन जी रहे लगभग 920 मिलियन लोगों को विकास सहायता उपलब्ध कराने
के लिए राजनैतिक नेताओं को अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए जिसका संकल्प व्यक्त किया
गया था। महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकाट ने इस विश्व दृष्टिकोण पर प्रहार किया जिसके अनुसार
कहा जाता है कि संसाधनों की कमी की अपेक्षा जनसंख्या बढ़ने से गरीबी बढ़ती है। उन्होंने
इंगित किया कि अनेक राष्ट्रों में आज जनसंख्या कम होने से गंभीर आर्थिक समस्य़ाएं हो रही
हैं। जिन देशों में जनसंख्या वृद्धि दर कम हो गयी है वहाँ आर्थिक विकास को बनाये रखना
तथा वृद्ध हो रही आबादी के लिए जरूरी समर्थन उपलब्ध कराना कठिन हो रहा है। उन्होंने संयुक्त
राष्ट्र संघ से आग्रह किया कि गरीबी के खिलाफ संघर्ष किया जाये। एक अरब लोगों को खाद्य
सुरक्षा तथा 68 मिलियन बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध करायें जायें जो भविष्य में
जनकल्याण के लिए बहुत योगदान देंगे।