देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 10 अप्रैल को संत पेत्रुस बासिलिका के
प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना
का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा- अतिप्रिय भाईयो
और बहनो,
पास्का के लिए केवल दो सप्ताह रह गये हैं और इस रविवार के बाइबिल पाठ
पुनरूत्थान के बारे में कहते हैं। ये येसु के पुनरूत्थान के बारे में नहीं कहते हैं -यह
कुछ ऐसा प्रकट होगा जो एकदम नया है - लेकिन हमारा पुनरूत्थान जिसकी हम सब आकांक्षा करते
हैं इसे येसु ने मृतकों में से जी उठकर स्वयं हमारे लिए दिया। वस्तुतः मृत्यु हमारे लिए
दीवार के समान है जो हमें दूसरी ओर क्या है उसे देखने से रोकती है और फिर भी हमारा हृदय
दीवार के उस पार जाना चाहता है, हम कल्पना करते हैं, हम में अनन्त की जो प्यास है उसे
प्रतीकों के माध्यम से प्रकट करते हैं। इस्राएल से दूर निर्वासन में रह रहे इब्रानी
लोगों के लिए नबी एजेकियेल उदघोषणा करते हैं कि ईश्वर तुम्हारी कब्रों को खोल देंगे,
तुम लोगों को कब्रों से निकाल कर इस्राएल की धरती पर वापस ले जाएँगे। तुम्हें अपनी धरती
पर बसायेंगे।
इंसान की प्राचीन आकांक्षा कि अपने पूर्वजों के साथ दफनाया जाये,पितृभूमि
की चाह है जो उसके पार्थिव प्रयासों के अंत में ग्रहण करे। इसमें मृतकों में से निजी
स्तर पर जी उठने का विचार अबतक नहीं है यह केवल पुराने व्यवस्थान के अंत में ही आता है
और येसु के समय में भी इसे सब यहूदियों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता था। अंततः ईसाईयों
के मध्य भी बहुधा पुनरूत्थान तथा अनन्त जीवन पर विश्वास के साथ अनेक संदेह और भ्रम होते
थे क्योंकि यह सच्चाई जो हमारे तर्क की सीमाओं से परे जाती हैइसके लिए विश्वास की भी
जरूरत होती है। आज के सुसमाचार में लाजरूस का पुनरूत्थान जिसमें हम मरथा, लाजरूस की बहन
के होठों से विश्वास की आवाज सुनते हैं। येसु उनसे कहते हैं उसके जवाब में वह कहती है-
मैं जानती हूँ कि वह अंतिम दिन के पुनरूत्थान के समय जी उठेगा। लेकिन येसु कहते हैं-
पुनरूत्थान और जीवन मैं हूँ जो मुझमें विश्वास करता है वह मरने पर भी जीवित रहेगा। और
जो मुझमें विश्वास करते हुए जीता है वह कभी नहीं मरेगा। यहां पर नवीनता है जो हर
बाधा को पार कर जाती है। उनमें ईश्वर की पूर्णता निवास करती है जो जीवन, अनन्त जीवन हैं।
इस कारण से मृत्यु का उनपर वश नहीं है और लाजरूस को जीवन दान मिलना शारीरिक मृत्यु पर
उनके पूर्ण प्रभुत्व का चिह्न है जो ईश्वर के सामने स्वप्न जैसा है।
लेकिन एक
दूसरी मृत्यु भी है जो ख्रीस्त के लिए बहुत कठिन संघर्ष था- वास्तव में क्रूस की कीमत।
यह आत्मिक मृत्यु है पाप, जो हर व्यक्ति के अस्तित्व को ही समाप्त कर देने की चुनौती
देता है। इस मृत्यु को पराजित करने के लिए ख्रीस्त मरे और उनका पुनरूत्थान पहले वाले
जीवन की वापसी नहीं है लेकिन एक नयी वास्तविकता के लिए खुलना है, एक नयी पृथ्वी अंततः
ईश्वर के स्वर्ग से पुनः जुड़ा हुआ। इसीलिए संत पौलुस लिखते हैं- यदि ईश्वर का आत्मा
जिसने येसु को मृतकों में से जी उठाया आप में वास करते है, जिसने ईसा को मृतकों में से
जिलाया, यदि उसका आत्मा आप लोगों में निवास करता है, तो जिसने ईसा मसीह को मृतकों में
से जिलाया, वह अपने आत्मा द्वारा जो आप में निवास करता है, आपके नश्वर शरीरों को भी जीवन
प्रदान करेगा।
प्रिय भाईयो, हम कुँवारी माता मरियम की ओर मुखातिब हों जो इस पुनरूत्थान
में सहभागी हो चुकी हैं। वे हमें विश्वासपूर्वक घोषणा करने के लिए सहायता करें- हाँ,
हे प्रभु मैं विश्वास करता हूँ कि आप ख्रीस्त हैं, ईश्वर के पुत्र। वास्तव में इसकी पुर्नखोज
करने में हमारी सहायता करें कि वे हमारी मुक्ति हैं।
इतना कहने के बाद संत पापा
ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।