2011-04-11 20:06:41

अन्ना हजारे की जीत जनता की जीत




नई दिल्ली, 11 अप्रैल, 2011(एशियान्यूज़) दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष विन्सेंट कोनचेसों ने कहा है कि " गाँधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे की जनलोकपाल बिल संबंधी माँगों को सरकार द्वारा स्वीकार लिया जाना जनता की विजय है। "

ज्ञात हो कि 72 वर्षीय गाँधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश में भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए 5 अप्रैल से आमरण अनशन किया था।

उन्होंने 9 अप्रैल को अपना अनशन समाप्त किया पर इस बात की भी घोषणा की कि वे अपना अभियान जारी रखेंगे और गरीब तबके के लोगों की रक्षा के लिये कार्य करते रहेंगे।

काथलिक कलीसिया ने आरंभ से ही अन्ना हजारे की माँग का समर्थन किया था।

समाज सेवा जेस्विट फादर सेड्रिक प्रकाश ने इस बात की जानकारी दी है कि " पिछले कई वर्षों से भ्रष्टाचार का संस्थाईकरण हो चुका है और स्थिति उस समय बदतर हो जाती है जब इसमें ‘बड़े लोगों’ की भागीदारी होती है।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि " " भ्रष्टाचार अनैतिक और गलत है और चर्च की सामाजिक और नैतिक शिक्षा के विरुद्ध है।"

उन्होंने बताया कि " घूस लेना, धोखाघड़ी करना और ग़रीबों के अधिकारों को छीनना अनैतिक है और काथलिक कलीसिया का कर्तव्य है कि वह इसका विरोध करे और न्याय, शाति सत्य और विकाश के लिये कार्य करे।"

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि " देश में भ्रष्टाचार निवारण के जो कानून हैं वे अपर्याप्त हैं और ये भ्रष्टाचार के शिकारों की रक्षा नहीं करते ।

उन्होंने कहा कि " वे भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे जन आन्दोलन से प्रसन्न हैं और चाहते हैं कि इससे लोगों में जनचेतना आये ताकि भ्रष्टाचार का गाँधीवादी तरीका अर्थात् अहिंसा से अन्त हो सके।"






















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