संत पापा और विश्वव्यापी कलीसिया से मिल रही सहायता के प्रति कृतज्ञता
(सेन्दई 7 अप्रैल फीदेस) जापान में सेन्दाई के धर्माध्यक्ष मार्टिन तेतसओ हिराग ने कठिन
परिस्थितियों के बावजूद सांत्वना व्यक्त की है कि भूकम्प और सुनामी से पीडित जापान के
नागरिकों और कलीसिया के लिए विश्व भर से सहृदयता और समर्थन मिल रही है। उन्होंने कहा
कि यह सहायता लोगों को त्रासदी से उबरकर फिर से अपने जीवन का निर्माण करने के लिए मदद
करेगी। परमधर्मपीठ ने घोषणा की है कि 21 अप्रैल को पुण्य वृहस्पतिवार की धर्मविधि
के समय जमा होनेवाली दानराशि को जापान में सुनामी और भूकम्प पीडितों के लिए दिया जायेगा।
विश्व भर से अनेक स्थानीय कलीसियाओं, ईसाई संगठनों तथा धर्मसमाजों ने जापान के कारितास
के प्रत्यक्ष सम्पर्क स्थापित किया है। परमधर्मपीठीय समिति कोर उन्नुम ने कहा है कि पुण्य
वृहस्पतिवार की पहल के साथ ही वह शैक्षणिक मूल्यों को बढ़ावा देते हुए अन्य कलीसियाओं
को प्रोत्साहन देना चाहती है ताकि वे जापान की आकस्मिक स्थिति को देखते हुए उनके उदाहरण
का अनुसरण करें। फीदेस समाचार सेवा के अनुसार महाधर्माध्यक्ष हिराग ने स्थानीय समुदाय
की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे सुनामी तथा भूकम्प से पीड़ित जापान की जनता
के लिए संत पापा की परवाह के नवीनतम चिह्नों के लिए हार्दिक धन्यवाद देते हैं तथा उनके
उपहार को सहर्ष स्वीकार करते हैं। पीडितों की सहायता के लिए कारितास जापान और चर्च बहुत
काम कर रहे हैं। संत पापा के परोपकार संबंधी कार्यों का समन्वय करनेवाली समिति कोर
उन्नुम द्वारा भेजी गयी एक लाख पचास हजार डालर की सहायता सेन्दई धर्मप्रांत पहुँची है।
इस धन का उपयोग जरूरतमंद लोगों के घरों के पुर्ननिर्माण तथा गिरजाघरों की मरम्मत के लिए
किया जायेगा। धर्माध्यक्ष हिराग ने कहा कि न केवल संत पापा का स्नेह और समीपता बहुत
गहरे रूप से महसूस किया गया है लेकिन सार्वभौमिक कलीसिया भी सहृदयता प्रदर्शित कर रही
है। विश्व के सब महाद्वीपों से लोगों, समूहों और धर्मप्रांतों से सहायता करने के संदेश
मिल रहे हैं। हमें प्रार्थना और उत्साह के संकेतों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कारितास
जापान के 80 स्वयंसेवी पीड़ितों की सहायता कर रहे हैं।