2011-03-30 13:59:50

वारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा का संदेश
30 मार्च, 2011


रोम, 30 मार्च, 2011 (सेदोक, वीआर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगम एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा- मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में संत अल्फोंसुस लिगोरी के जीवन पर मनन चिन्तन करें।

संत अल्फोंस लिगोरी 18वीं सदी के महान् उपदेशक, विद्वान और कलीसिया के आचार्य के रूप में याद किये जाते हैं।


अल्फोंसुस पुरोहित बनने के पहले एक सफल वकील के रूप में कार्यरत थे। पुरोहित बनने के बाद उन्होंन इटली के नैपल्स में कलीसिया के नवीनीकरण के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिये।

सबसे पहले उन्होंने शहरी क्षेत्र के युवाओं के लिये अपना कार्य करना शुरु किया और उनके लिये लघु प्रार्थना समुदाय बना कर विश्वास के बारे में शिक्षा देना आरंभ किया।

बाद में उन्होंने एक धर्मसमाज की स्थापना की जिसे ‘मोस्ट होली रिडीमर’ (अति पवित्र मसीहा) के रूप में जाना गया और इस धर्मसमाज के सदस्य ‘रिडेमट्रिस्टस’ के नाम से विख्य़ात हुए।

लोग उन्हें ‘भ्रमणकारी मिशनरियों’ के रूप में भी जानते हैं। अल्फोंसुस के प्रेरितिक उत्साह को लोगों ने उनकी धार्मिक शिक्षा में अनुभव किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ईश्वर दयालु है, ईश्वरीय विधान और मानव की आंतरिक भूख तथा आकांक्षाओं में गहरा संबंध है।

उन्होंने अपनी लेखों से ईशकेन्द्रित मरिया भक्ति की आध्यात्मिकता का प्रचार किया अल्फोंसुस लिगोरी ने पवित्र साक्रमेंट के सम्मुख प्रार्थना करने की भक्ति के लिये लोगों को प्रोत्साहन दिया।

आज हम प्रार्थना करें कि इस अल्फोंसुस लिगोरी जैसे कलीसिया के विद्वान और नैतिक ईशशास्त्रियों के संरक्षक की मध्यस्थता से हम ईश्वर के करीब आ सकें, उनकी आवाज़ को सुन सके और पवित्र जीवन बिता सकें।

हम प्रार्थना करें कि संत लिगोरी का जीवन पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों को प्रेरित करें ताकि वे पूर्ण समर्पण के साथ सुसमाचार प्रचार के लिये कार्य कर सकेँ ।
इतना कह कर संत पापा ने समारोह में उपस्थित गायक दल को धन्यवाद देते हुए अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने नॉर्वे, जापान, फिलीपींस आयरलैंड, जापान और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति का कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।













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