संत पापा ने संत पापा जोन पौल को ‘श्रमिक प्रेमी’ कहा
वाटिकन सिटी, 28 मार्च, 2011(ज़ेनित) पोप बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पापा जोन पौल द्वितीय
की याद करते हुए कहा कि श्रमिकों के प्रति उनके दिल में विशेष जगह थी। संत पापा ने उक्त
बातें उस समय कहीं जब उन्होंने इटली के तेरनी-नारनी-अमेलिया धर्मप्रांतों के तीर्थयात्रियों
से मुलाक़ात की। विदित हो कि संत जोसेफ के पर्व के दिन 30 साल पूर्व 19 मार्च सन्
1981 ईस्वी संत पापा जोन पौल द्वितीय ने तेरनी धर्मप्रांत का दौरा किया था जहाँ इटली
का प्रथम स्टील कारखाना खोला गया है। उस समय संत पापा जोन पौल द्वितीय ने कहा
था कि " वे तेरनी आये हैं ताकि श्रमिकों को अपना प्यार तथा उन्हें प्रोत्साहन दें।
संत पापा ने कहा कि वे वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में श्रमिकों की स्थिति पर चिंतित
है। " इस बात को कभी नहीं भूला जा सकता है कि मानव जीवन के लिये श्रम का एक महत्त्वपूर्ण
स्थान है। यदि व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता तो यह सार्वजनिक हित के लिये गंभीर खतरा
है। " संत पापा ने कहा कि श्रम से हमें जो लाभ मिलता है उससे हम ईश्वर और लोगों
के नज़दीक आते हैं। श्रम की मर्यादा का आभास इस बात से होता है कि स्वयं येसु मसीह
ने एक श्रमिक बनना स्वीकार किया और अपने पिता जोसेफ की दुकान में कार्य किया। संत पापा
जोन पौल ने कहा था कि " ईश्वर के पुत्र ने मनुष्य बनना स्वीकार किया और स्वयं अपने हाथों
से कार्य किया।" सच तो यह है कि येसु ने जीवनभर शारीरिक श्रम किया और इसी श्रम
के द्वारा ही उन्होंने मानव और दुनिया का उद्धार किया।" मुलाक़ात के दौरान संत पापा
ने तेरनी के धर्माध्यक्ष विनचेन्सो पजीला की खुलकर तारीफ़ की जिन्होंने रविवारीय यूखरिस्तीय
बलिदान में सहभागी होने के लिये लोगों को प्रोत्साहन दिया है ताकि एक न्यायपूर्ण समाज
का निर्माण हो सके। विदित हो कि धर्माध्यक्ष के प्रयास से तेरनी धर्मप्रांत में रविवारीय
यूखरिस्तीय बलिदान में भाग लेने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।