सम्पत्ति संबंधी सरकार के निर्णय का महाधर्माध्यक्ष लेओ ने स्वागत किया
(काथलिक न्यूज) भारत में मध्यप्रदेश में काथलिक चर्च के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष लेओ कोरनेलियो
ने सरकार के उस निर्णय का स्वागत किया है जिसमें कहा गया है कि कलीसिया की सम्पत्ति संबंधी
मामलों में सरकार हस्तक्षेप नहीं करेगी। महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि नियम कानूनों
का पालन कर हम अपने धन से सम्पत्ति खरीदते हैं। हम सरकारी सहायता नहीं माँगते हैं और
इसलिए कलीसिया द्वारा सम्पत्ति के उपयोग की सरकार द्वारा निगरानी करने की जरूरत नहीं
है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कलीसिया की सम्पत्ति की अवैध बिक्री पर रोक
लगाने के लिए विद्यमान कानूनों को लागू करे। राज्य सरकार ने 15 मार्च को आश्वासन
दिया कि कलीसिया की सम्पत्ति पर नियंत्रण करने की उसकी कोई योजना नहीं है। अल्पसंख्यक
मामलों के मंत्री अजय विश्नोई ने विधान सभा में 8 मार्च को आश्वासन दिया कि मसीही सम्पत्ति
पर नियंत्रण करने के लिए विशेष बोर्ड बनाने की सरकार को कोई योजना नहीं है। ज्ञात
हो कि मुसलिम वक्फ बोर्ड के समान ही राज्य सरकार कब्रिस्तानों सहित कलीसिया की सम्पत्ति
को सरकार के नियंत्रण में लाने का प्रस्ताव कर रही थी जिसका ईसाईयों ने विरोध किया था।
1995 में स्थापित वक्फ बोर्ड मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक और कल्याणकारी उद्देश्यों
के लिए सम्पत्ति के उपयोग का प्रबंध करती है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने ईसाई सम्पत्ति
के व्यापक स्तर पर अवैध खरीद बिक्री को देखते हुए जनवरी 2009 में ख्रीस्तीय बोर्ड बनाने
का एक प्रस्ताव दिया था। मध्यप्रदेश में काथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर आनन्द मुतुंगल
ने कहा कि जनता के दबाव और कानूनी समाधानों ने परिस्थिति को बिगड़ने से बचाया। उन्होंने
कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज कर देने के बाद सर्वोच्च न्यायालय
में याचिका दायर की गयी थी। याचिका 14 मार्च को वापस ले ली गयी। लोकधर्मी नेत्री
शीला सांतियागो ने कहा कि इस मामले ने सिद्ध कर दिया है कि अल्पसंख्यक होने के बावजूद
हम शांतिपूर्ण तरीकों से वैध माँगों को प्राप्त कर सकते हैं।