महाधर्माध्यक्ष द्वारा इराकी ईसाईयों के जातीय सफाया की चेतावनी
उत्तरी इराक के खाल्दीयाई काथलिक महाधर्माध्यक्ष वरदा ने पीड़ित ईसाईयों की स्थिति पर
अपने विचार व्यक्त करते हुए मानवाधिकारों के हनन तथा इराक के ईसाईयों के द्वारा अनुभव
किये जा रहे जातीय सफाया जैसे अनुभवों पर खेद व्यक्त किया। आयरलैंड में अपने विचार
व्यक्त करते हुए एरबिल के महाधर्माध्यक्ष बसरार वरदा ने कहा कि इराकियों के पास कमजोर
संविधान रह गया है जो दो मालिकों को खुश करने की कोशिश करता है एक ओर है मानवाधिकार की
पूर्वमान्यता जो सब नागरिकों के लिए है तथा दूसरी ओर है बहुसंख्यक मुसलमानों के लिए इस्लामिक
कानून। उन्होंने कहा कि इस्लामवादी के साथ ही धर्मनिरपेक्षवादी भी जिम्मेदार हैं जो लाभ
उठाना चाहते हैं। क्षेत्र की पड़ोसी सरकारें भी जिम्मेदार हैं जो विद्रोहियों को धन और
हथियार देकर सरकार को अस्थिर करने के लिए सहायता कर रही हैं। महाधर्माध्यक्ष वरदा
ने कहा कि विश्व की शेष सरकारें भी हमारी ओर से अपना ध्यान मोड़ चुकी हैं मानो मानवाधिकारों
का हनन तथा इराक में ईसाईयों द्वारा महसूस किया जा रहा जातीय उन्मूलन की स्थिति, अस्थायी
है।