2011-03-15 11:42:17

वाटिकन सिटीः वैश्वीकृत विश्व में सन्त पापा का नागरिकता पर चिन्तन


वाटिकन सिटी, 15 मार्च, सन् 2011 (सेदोक): इटली के प्रशासकों से सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने आग्रह किया है कि वे वैश्वीकृत विश्व में एकात्मता एवं सहायता के मूल्यों को न भुलायें। शनिवार को इताली स्थानीय अधिकारियों के राष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधियों से मुलाकात के अवसर पर सन्त पापा ने यह बात कही।

नागर प्रशासनों की परिभाषा करते हुए सन्त पापा ने कहा कि इनकी स्थापना लोगों के बीच सम्वाद एवं विचारों के आदान प्रदान के लिये की गई थी। उन्होंने कहा कि नागर प्रशासनों एवं नगर निगमों की स्थापना, "समुदाय में मुलाकातों, विचारों के आदान प्रदान, सम्वाद, रविवारीय समारोहों, प्राचीन नगरों के चौकों में सम्मेलनों आदि के लिये की गई थी।" उन्होंने कहा कि आधुनिक जगत की पीड़ाओं एवं तनावों के बीच, भाईचारे में एकसाथ मिलकर जीवन यापन की आवश्यकता, आज भी मौजूद है।

एकता में बहुलता पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि यह कोई विवादास्पद तथ्य नहीं है बल्कि आज की वास्तविकता है और सच कहा जाये तो आपसी समृद्धि का स्रोत है। सन्त पापा ने कहा, "एकात्मता एवं सहायता, जिनकी शिक्षा कलीसिया देती है, ऐसे सिद्धान्त हैं जो एकता एवं विविधता के सहअस्तित्व को सुगम बनाते हैं।"

वैश्वीकरण की पृष्टभूमि में नागरिकता पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि "आज नागरिकता, वस्तुतः, वैश्वीकरण से सम्बन्धित है जो, व्यापार बाज़ार आदि अनेक अन्य तथ्यों के साथ साथ, विशाल आप्रवासी आवागमन से भी जुड़ी है।"

इस सन्दर्भ में, उन्होंने कहा, एकात्मता एवं कानून के सम्मान को एक साथ जोड़ना चाहिये ताकि, "सामाजिक सहअस्तित्व पर किसी प्रकार का ख़तरा न रहे तथा कानून के अनुपालन के साथ साथ इटली की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं को भी बरकरार रखा जा सके।"

सन्त पापा ने कहा कि एकात्मता एवं मानवतावादी मूल्यों को प्रोत्साहन देना राजनीतिज्ञों की विशिष्ट ज़िम्मेदारी है।










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