2011-03-14 14:50:32

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


श्रोताओ, रविवार 13 मार्च को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
यह चालीसा का पहला रविवार है, 40 दिनों का पूजनधर्मविधिकाल जिसमें कलीसिया पास्का के लिए आध्यात्मिक तैयारी करती है। कहा जाये तो यह येसु का अनुसरण करना है जो निर्णायक रूप से क्रूस की ओर मुड़ते हैं, मुक्ति के इस मिशन का शिखर है। यदि हम कहें क्यों चालीसा ? क्यों क्रूस ? तो उत्तर होगा क्योंकि बुराई का अस्तित्व है या पाप जो कि धर्मग्रंथ के अनुसार हर बुराई का गहनतम कारण है।

लेकिन यह वक्तव्य विवादास्पद नहीं है और यह शब्द, पाप, को बहुत लोग स्वीकार नहीं करते हैं क्योंकि इसमें संसार और मानव के धार्मिक दर्शन की पूर्वमान्यता होती है। वस्तुतः यह सही है यदि हम ईश्वर को संसार के क्षितिज से हटा दें तो हम पाप के बारे में नहीं कह सकते हैं। जैसा कि जब सूर्य छिपा है तब छाया अदृश्य हो जाती है और केवल तभी पुनः दिखाई देती है जब सूर्य़ है। इसी तरह ईश्वर को निस्तेज कर दें तो पाप का भी तेजभंग हो जाता है। इसलिए पाप का अर्थ जो कि अपरोध बोध की भावना से भिन्न है जैसा कि मनोविज्ञान में समझा जाता है इसे केवल ईश्वर की खोज करने के अर्थ में ही समझा जा सकता है। स्तोत्र ग्रंथ का 51 वाँ दया करने संबंधी स्तोत्र जिसमें दाऊद के व्यभिचार और हत्या के दोहरा पाप के बारे में कहा गया है। दाऊद ईश्वर की ओर मुड़ते हुए कहते हैं- तेरे विरूद्ध, केवल तेरे विरूद्ध मैंने पाप किया है। (स्तोत्र ग्रंथ 51-6)

बुराई के लिए ईश्वर का जवाब है पाप का विरोध करना और पापी को बचाना। ईश्वर बुराई को सहन नहीं करते हैं क्योंकि वे प्रेम, न्याय और सत्यप्रतिज्ञ हैं और यही कारण है कि वे पापी की मृत्यु नहीं चाहते हैं लेकिन चाहते हैं कि पापी मनपरिवर्तन करे और जीवन जीये। ईश्वर मानवजाति को बचाने के लिए हस्तक्षेप करते हैं। यह हम मिस्र में मुक्त होने के आरम्भ से ही यहूदी जाति के सम्पूर्ण इतिहास में देखते हैं। ईश्वर दृढ़मत हैं कि वे अपनी संतान को दासता से निकालकर स्वतंत्रता की ओर ले चलें। सबसे खराब और सबसे बुरी दासता पाप की गुलामी है। यही कारण है कि ईश्वर ने अपने बेटे को इस संसार में भेजा। मानव को शैतान के शासन से मुक्त करने के लिए जो हर पाप की उत्पत्ति और कारण है।

उन्होंने येसु को हमारे मरणशील शरीर में भेजा ताकि वे प्रायश्चित्त की बलि बन जायें, हमारे लिए क्रूस पर मर जायें। शैतान इस निर्णायक और सार्वभौमिक मुक्ति की योजना के खिलाफ स्वयं को अपनी सब ताकतों के साथ लगाता है जिसे येसु के सुसमाचार में, मरूस्थल में प्रलोभनों में विशिष्ट रूप से दिखाया गया है जिसकी उदघोषणा प्रतिवर्ष चालीसा काल के प्रथम रविवार में की जाती है। वस्तुतः इस पूजनधर्मविधि काल में प्रवेश करने का अर्थ है- पाप के विरूद्ध ख्रीस्त का पक्ष लेना तथा बुराई की आत्मा के खिलाफ निजी स्तर पर और कलीसिया के रूप में आत्मिक संघर्ष करना।

इस प्रकार हम हाल ही में आरम्भ चालीसाकालीन यात्रा के लिए पवित्रतम मरिया की सहायता की याचना करते हैं जो मनपरिवर्तन के फल से समृद्ध हो। मैं आप सबसे अपनी प्रार्थना में मुझे और रोमी कार्य़ालय के मेरे सहयोगियों को विशेष रूप से याद करने का आग्रह करता हूँ। इस संध्या हम एक सप्ताह तक चलनेवाले आध्यात्मिक साधना आरम्भ कर रहे हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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