नाजरेथ के येसु पर संत पापा बेनेडिक्ट 6 वें की दूसरी पुस्तक का लोकार्पण
(रोम 10 मार्च वीआर अंग्रेजी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें की नाजरेथ के येसु पर लिखित
पुस्तकों की श्रृंखला की दूसरी पुस्तक का लोकार्पण गुरूवार 10 मार्च किया गया। " जीजस
ओफ नाजरेथ होली वीक फ्रोम दी एंटरन्स इनटू जेरूसालें टू द रेजुरेक्शन " की दस लाख प्रतियाँ
सात भाषाओं में प्रकाशित की गयी हैं। अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित इस पुस्तक के प्रकाशक
इग्नासियुस प्रेस के प्रकाशक फादर जोसेफ फेस्सियो ये.स. ने कहा कि इस पुस्तक में जब वे
हमसे कहते हैं जोसेफ राटसिंगर के समान तब वे कलीसिया के विश्वास को नहीं लाते है तथा
कलीसिया का दस्तावेज नहीं है। लेकिन जैसा कि उन्होंने लिखा है यह जोसेफ राटसिंगर और पोप
बेनेडिक्ट के मध्य रक्त और अस्थिमज्जा के समान है।
फादर फेसियो 40 साल पहले रेगेनसबुर्ग
में प्रोफेसर जोसेफ राटसिंगर के विद्यार्थी थे। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में अनेक नयी
अंर्तदृष्टियाँ हैं। फादर फेसियो ने वाटिकन रेडियो से कहा कि संत मत्ती रचित सुसमाचार
के अध्याय 27 के 25 वें पद की व्याख्या में जहाँ सम्पूर्ण भीड़ कहती है कि उसका रक्त
हम और हमारी संतान पर इस पद का अर्थ माना गया कि सम्पूर्ण यहूदी जाति शापित हुई।
इस
पर व्याख्या करते हुए वे कहते हैं कि येसु का रक्त काइन के रक्त के समान नहीं है जो बदला
लेने के लिए पुकारता है।येसु का रक्त मुक्तिदायी रक्त है। यह संसार के जीवन के लिए बहाया
गया है। यह सज़ा देने या बदला लेने के लिए नहीं है यह बचाने और मुक्ति देने के लिए है।
फादर फेसियो ने कहा यह बहुत ही सुंदर चिंतन है दो या तीन पद सुसमाचार के इन प्रसंगो
पर हमारे विचार को बदल सकते हैं जिनका उपयोग अतीत में बहुत बार सामीवाद विरोधी उद्देश्यों
के लिए किया गया है।