2011-03-07 13:44:16

‘काले कानून’ ने एक और पाकिस्तानी की जान ली



इस्लमाबाद, 7 मार्च, 2011( एशियान्यूज़) पाकिस्तान के रावलपिंडी के दनादा गाँव में रूप से ईशनिन्दा कानून को तोड़ने का कथित आरोपी मुहम्मद इमरान को गोली मार कर हत्या कर दी गयी।

एशियान्यूज़ के अनुसार मुहम्मद ने गाँव की चाय दुकान में बातचीत के दरमियान कथित रूप से पैगम्बर मुहम्मद का अपमान किया था।

मुहम्मद पर अप्रैल 2009 में मुकदमा चला और साक्ष्य के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था।

घटना के दिन इमरान गाँव की एक दुकान में था और इसी समय बंदुक से लैसे दो व्यक्तियों ने उस पर गौलियाँ चला दी और इमरान की मृत्यु हो गयी।

इमरान के भाई मुहम्मद अकरम के अनुसार गोली मारनेवाला वही व्यक्ति था जिसने उसके भाई पर पैगम्बर मुहम्मद को अपमानित करने का आरोप लगाया था।

ग़ौरतलब है कि मुहम्मद इमरान को अल्पसंख्यक आयोग के मंत्री शाहबाज़ भट्टी को मारने के दो दिन के बाद ही मौत के घाट उतार दिया गया। शाहबाज़ भट्टी ने खुल कर ईशनिन्दा कानून का विरोध किया था।

‘ऑल पाकिस्तान माइनियोरिटी असेब्ली’ (अपमा) के अध्यक्ष परवेज़ ने कहा कि " हम शाहबाज़ भट्टी के अल्पसंख्यकों के लिये उठाये गये मिशन को जारी रखेंगे। कट्टरवादी व्यक्ति को समाप्त कर सकते हैं उसके विचार नही। "

उधर पुलिस ने भट्टी की हत्या के सिलसिले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस्लमाबाद के पुलिस इन्सपेक्टर जेनरल वाज़ीज दुरानी ने यह भी कहा है कि वह गवर्नर सलमान के हत्यारे कादिरी तथा ड्राइवर से से भी इस संबंध में पूछताछ करेगी।
उधर रूसी ऑर्थोडॉक्स कलीसिया की ओर से हिलारियन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रज़ा गिलानी के नाम पर शाहबाज़ भट्टी की हत्या पर भेजे शोक संदेश में कहा है कि " भट्टी ने एक कैबिनेट मंत्री के रूप में पाकिस्तान से धार्मिक तनाव को कम करने का पूरा प्रयास किया और धार्मिक कट्टरवादियों के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलन्द की।"

उन्होंने कहा " शाहबाज़ भट्टी की हत्या सिर्फ़ ईसाइयों के विरुद्ध में नहीं है पर यह धार्मिक सिद्धांतों की आड़ में किया जाने वाला घिनौना कृत्य है जिससे लोगों को बचाया जाना ज़रूरी है।"
































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