वाटिकन सिटी, 7 मार्च, 2011 (ज़ेनित) पाकिस्तान में ईशनिन्दा कानून के खिलाफ कुछ भी बोलना
ईसाई और मुसलमान दोनों के लिये खतरनाक हो गया है। उक्त बात की अभिव्यक्ति वाटिकन
प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने उस समय कहीं जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न
के साप्ताहिक कार्यक्रम " ऑक्तावा दियेस " में पाकिस्तान के एकमात्र काथलिक कैबिनेट मंत्री
शाहबाज़ की ह्त्या पर टिप्पणी की। 42 वर्षीय शाहबाज़ भट्टी की हत्या बुधवार सुबह
उस समय कर दी गयी जब वे इस्लमाबाद में अपनी माँ से मिलकर अपने कैबिनेट कार्यालय की राह
पर थे। उन्होंने पाकिस्तान की ईशनिन्दा कानून का खुल कर विरोध किया था और इसी कानून
के तहत् मृत्युदंड की सजा प्राप्त असिया बीबी के हक दिलाने के लिये सक्रिय रहे थे। ईशनिन्दा
कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति को मृत्यु की सजा हो सकती है जो पैगम्बर मुहम्मद को
अपमानित करने का दोषी पाया जाये। ईशनिन्दा कानून के विरोध करने के कारण ही जनवरी
महीने में पाकिस्तान के ही पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या उसके सुरक्षागार्ड
ने ही कर दी थी । फादर लोमबार्दी ने कहा कि " यह कानून ही ईशनिन्दा है क्योंकि भगवान
के नाम पर यह अन्याय और हत्या का कारण बनता है। " " तासीर और भट्टी दोनों को अच्छी
तरह से मालूम था कि ईशनिन्दा कानून का विरोध करके उन्होंने अपने जीवन को जोखिम में डाल
दिया है क्योंकि उनकी हत्या कर दिये जाने की धमकियाँ दी जाने लगीं थीं। पर दोनों ने हिंसात्मक
कट्टरवाद की परवाह किये बिना धार्मिक स्वतंत्रता के लिये जीवन का बलिदान करना उचित समझा।
" फादर लोमबारदी ने भट्टी की बातों की याद करते हुए कहा कि अपनी हत्या के कुछ सप्ताह
पहले भट्टी ने लोगों से कहा था कि " प्रार्थना कीजिये। मैं एक ऐसा इंसान हूँ जो अपने
वचन से पीछे नहीं लौट सकता, न ही मैं लौटना चाहता हूँ मैं अतिवाद का सामना करूँगा और
मैं अपने प्राण देकर भी ईसाइयों की रक्षा करूँगा।" " विश्वास और न्याय के लिये मृत्यु
को गले लगाकर भट्टी ने अपना कद बहुत उँचा कर लिया है। दो व्यक्तियों की हत्या करके हत्यारों
ने हम भयभीत और चिन्तित हो गये हैं पर दूसरी ओर इससे ईसाइयों और मुसलमानों में एकता की
एक नयी आशा की किरण फूट पड़ी है।" उन्होंने कहा " यह न केवल आपसी ज्ञान की वार्ता
है न केवल सार्वजनिक हित के लिये समर्पण की वार्ता पर जीवन की वार्ता के साथ हम साक्ष्य
की वार्ता की ओर आगे बढ़ते हैं जिसमें एक व्यक्ति अपना जीवन कुर्बान करता है ताकि न्याय
की आड़ में भगवान का नाम दुषित होने से बचाया जा सके।" " हम भट्टी और तासीर की याद
करते और उनके जीवन के लिये धन्यवाद देते और एक सच्चे विश्वासी के रूप में हम भी उनके
धार्मिक स्वतंत्रता न्याय और शांति के मिशन को जारी रखेंगे।" विदित हो पाकिस्तान
की कुल 18 करोड़ की आबादी की सिर्फ़ 5 प्रतिशत जनता हिन्दु या ईसाई है। शिया मुसलमानों
की संख्या भी कम है। सुन्नी मुसलमानों की संख्या 75 प्रतिशत है।