राखबुध के लिये संत पापा संत सबीना महागिरजाघर जायेंगे
रोम, 5 मार्च, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें चालीसाकाल आरंभ करने के लिये
राखबुध को अवेनतिने के संत सबीना महागिरजाघर जायेंगे। धार्मिक पूजन विधि समारोहों
के लिये बनी परमधर्मपीठीय कार्यालय ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष राखबुध
9 मार्च को मनाया जायेगा। बुधवार 9 मार्च को अविनतिने के संत अन्सेल्म गिरजाघर में साढ़े
चार बजे अपराह्न प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है जिसमें संत पापा हिस्सा लेंगे।
प्रार्थना के तुरन्त बात एक छोटी शोभा यात्रा होगी जो संत सबीना महागिरजाघर तक जायेगी
जहाँ राखबुध की धर्मविधि संपन्न होगी। जानकारी के अनुसार अनेक कार्डिनलों, महाधर्माध्यक्षों,
धर्माध्यक्षों, संत अन्सेल्म के मठवासियों संत सबीना के दोमिनिकन फादरों और बड़ी संख्या
में लोकधर्मियों इसमें भाग लेंगे। धार्मिक विधि का समापन यूखरिस्तीय बलिदान से किया
जायेगा। इसी समय संत पापा लोगों को आशिष देंगे और उनके माथे पर राख से क्रूस चिह्न
अंकित करेंगे। ग़ौरतबल है कि अवेनतिने के स्टेशन चर्च में चालीसे के समय यूखरिस्तीय बलिदान
चढ़ाने की परंपरा मध्ययुग से चली आ रही है। उन दिनों आरंभिक प्रार्थना के बाद भक्त
एक शोभायात्रा में गिरजाघर जाया करते थे और यूखरिस्तीय बलिदान से धर्मविधि का समापन होता
था। पवित्र मिस्सा के अन्त में पुरोहित लोगों के लिये परमप्रसाद बाँटा करते थे।
विदित हो उन दिनों में माथे पर राख लगाये जाने की परंपरा सिर्फ उन व्यक्तियों के लिये
थी जो सार्वजनिक रूप से पश्चात्ताप करने को तैयार होते और मेल-मिलाप करना चाहते थे। बाद
में इस विधि में संत पापा पुरोहित और लोकधर्मी भी नम्रतावश इसमें शामिल होने लगे और इस
तरह से माथे में राख लगाये जाने की परंपरा जारी रही।