2011-03-04 16:02:21

विश्व के धर्माध्यक्षों की तेरहवीं धर्मसभा नये सुसमाचार प्रचार पर केन्द्रित होगी


(वाटिकन सिटी 4 मार्च सेदोक, वीआर वर्ल्ड) विश्व के धर्माध्यक्षों की तेरहवीं धर्मसभा वाटिकन में 7 से 28 अक्तूबर सन 2012 में सम्पन्न होगी। इसकी तैयारी के लिए वर्किंग डोक्यूमेंट जिसे लिनियामेंटा कहा जाता है इसे शुक्रवार को एक प्रेस सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।
द न्यू इवांजेलाईजेशन फोर द ट्रांसमिशन औफ द क्रिश्चियन फेथ शीर्षक के अंतर्गत 13 वीं विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में विचार विमर्श किया जायेगा। धर्मसभा की तैयारी के लिए चुने गये विषय पर लिनियामेंटा जो दस्तावेज का पहला प्रारूप है इसमें व्यापक स्तर पर सामान्य परिदृश्य को व्यक्त किया गया है। इसे पूर्वी रीति की कलीसियाओं के धर्माध्यक्षों सहित कलीसिया की विभिन्न निकायों, विभिन्न धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों और यूनियन औफ रेलिजियस सुपीरियर्स जेनरल को भेजा जाता है और उनसे दस्तावेज की समीक्षा कर पहली नवम्बर 2011 तक सलाह और सुझाव देने को कहा गया है। इन सुझावों को विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का वर्किंग डोक्यूमेंट जिसे इंस्टूमेंटुम लाबोरिस कहा जाता है इसमें शामिल किया जाता है।
धर्मसभा की तैयारी के प्रथम दस्तावेज के पहले प्रारूप लिनियामेंटा के तीन अध्यायों में विषय वस्तु को संगठित किया गया है। इसमें नये सुसमाचार प्रचार के दायरे, समसामयिकता तथा प्रकृति के बारे में कहा गया है तथा सुसमाचार की उदघोषणा करने में तकनीकियों की चुनौतियां एवं ख्रीस्तीय अनुभवों में शामिल होने की आरम्भिक प्रक्रिया पर भी विचार व्यक्त किया गया है। दस्तावेज का एक अंतिम खंड पेंतेकोस्त पर विचार व्यक्त करता है जो इसे नये सुसमाचार प्रचार का आधार मानता है, वर्तमान और भावी कलीसिया के लिए एक दर्शन को शब्दों में व्यक्त करता है तथा सुसमाचार प्रचार के आनन्द का समारोह मनाता है।
धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के महासचिव महाधर्माध्यक्ष निकोलास एतरोविक ने कहा कि नया सुसमाचार प्रचार ईसाईयों में मूल जोश को फिर से जगाये- एक नया मिशनरी चेतना जिसमें ईशप्रजा के सबलोग शामिल हैं। लिनियामेंटा दस्तावेज पर प्रतिक्रियाँ पहली नवम्बर तक भेजी जा सकेंगी तथा आगामी धर्मसभा के पूर्व इंस्टूमेंटुम लाबोरिस दस्तावेज को प्रस्तुत किया जायेगा।
यह दस्तावेज सन 2012 के 7 से 28 अक्तूबर तक वाटिकन में होनेवाले विश्व धर्माध्यक्षों की तेरहवीं धर्मसभा में विचार विमर्श करने का आधार दस्तावेज होगा।







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