काथलिक और यहूदी नेताओं की चाह नयी पीढ़ी को वार्तालाप के लिए तैयार करना
(वाटिकन सिटी सीएनएस) काथलिक और यहूदी नेताओं ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ होनेवाले
अत्याचारों और हिंसा की निन्दा करते हुए उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में हो रहे लोकतंत्र
समर्थक अभियानों के प्रति अपने समर्थन को व्यक्त किया है। यह टिप्पणी अंतरराष्ट्रीय काथलिक
यहूदी संबंध समिति की फ्रांस के पेरिस में सम्पन्न चार दिवसीय बैठक के बाद जारी वक्तव्य
की गयी है।
वाटिकन ने उक्त वक्तव्य को 3 मार्च को प्रकाशित किया जिसमें कहा गया
है कि विश्व के अनेक भागों में अल्पसंख्यक, विशेष रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ
भेदभाव हो रहा है, अन्यायपूर्ण तरीके से लगायी गयी पाबंदियों के कारण धार्मिक स्वतंत्रता
को खतरों का सामना करना पड़ रहा है यहाँ तक कि वे हत्या और अत्याचार से पीड़ित हैं। बैठक
के प्रतिभागियों ने हिंसा की बारम्बार हो रही घटनाओं, ईसाईयों के खिलाफ बढ़ रहे हमलों,
इस्राएल देश के विनाश के लिए किये जानेवाले आह्वानों तथा ईश्वर के नाम पर जारी आतंकवाद
पर गहन दुःख व्यक्त किया।
काथलिक और यहूदी नेताओं ने कहा कि वे धर्म के नाम पर
की जानेवाली हिंसा के हर कृत्य की भर्त्सना करते हैं जो कि ईश्वर के साथ यथार्थ संबंध
की प्रकृति को पूरी तरह विकृत करता है। बैठक के प्रतिभागियों ने उत्तरी अफ्रीका और मध्य
पूर्व में फैली अशांति को देखते हुए कहा कि लाखों लोग अपनी मानवीय मर्य़ादा और स्वतंत्रता
की प्यास संबंधी जरूरतों को दूर करने के लिए अपनी पुकार को अभिव्यक्त कर रहे हैं.