प्रजातंत्र की दिशा में हो रहे परिवर्तन ‘ आशावर्द्धक ’
वाटिकन सिटी, 28 फरवरी, 2011 (ज़ेनित) " लीबिया में हो रही हिंसा के कारण दुःख और चिन्ता
के बावजूद अरब देशों में प्रजातंत्र की दिशा में हो रहा परिवर्तन ‘ आशावर्द्धक ’ है।
"
वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरीको लोमबारदी ने उक्त बातें उस समय कहीं
जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम " ऑक्तावा दियेस " में अरब देशों
में हो रही राजनीतिक उथल-पुथल अपनी टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम
के बदलते दौर में पश्चिम को चाहिये कि वह ‘हस्तक्षेप’ नहीं वरन् ‘सहायता’ करे।
उन्होंने
लोगों से अपील की है कि वे " भयभीत न हो " पर ऐसे बदलाव के समय में " वार्ता में सकारात्मक
रूप से हिस्सा लें ।
उन्होंने कहा कि " अरब देशों में परिवर्तन काल में आंदोलन
को दबाने के लिये जो हथकंडे अपनाये जा रहे हैं विशेषरूप से लीबिया में जो हिंसा जारी
है वह गहरे अफसोस की बात है।"
उन्होंने बताया कि " हिंसा के समय शांति की बात
करना बहुत ही कठिन कार्य है। फादर लोमबारदी ने कहा कि इस ‘मह्त्वपूर्ण आंदोलन’ को पर्यवेक्षकों
के द्वारा आशाभरी निगाहों से देखा जा है जो अरब देशों में संभवतः एक नयी सुबह लेकर आयेगा।
पश्चिम के लोग अरब में हो रही घटनाओं से चकित हैं।"
विश्लेषकों का विचार है
कि " अरब के नागरिकों में स्वतंत्रता और जनसत्ता उनके बीच से ही प्रस्फुटित होनी चाहिये,
न की बाहरी अनावश्यक हस्तक्षेप से। "
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इससे ‘भयभीत’
और ‘बचाव की मुद्रा’ में हैं। वाटिकन के पक्ष के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि
"परिवर्तन के ऐसे दौर में ठोस रूप से मदद देने के लिये इच्छा और पहल करने के साथ आवश्यक
है लोगों को सम्मान देना और विभिन्न संस्कृतियों के बीच मित्रता एवं वार्ता बढ़ावा को
देना ।"
फादर लोमबारदी ने कि यह मुख्य रूप से युवा आंदोलन है जिसमें दो बातें
स्पष्ट दिखाई दे रहीं हैं। पहली कि " लोगों के यूरोपीय जगत् से जुड़ने के बाद कई लोग
यूरोप, मानवाधिकार, प्रजातंत्र और स्वतंत्रता के बारे में साकारात्मक विचार रखने लगे
हैं।"
उन्होंने कहा कि " नयी संभावनाओं के साथ सदा नये खतरे भी जुड़ जाते हैं
और उनके साकात्मक पक्षों को नहीं जोड़ा गया तो उनमें नकारात्मक पक्ष हावी हो सकते हैं।
"
अंत में फादर लोमाबारदी ने लोगों से अपील की कि वे सदा सबों के साथ वार्ता
का दरवाज़ा खुला रखें।