देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया
गया संदेश
श्रोताओ, रविवार 20 फरवरी को संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण
में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का
पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा-
अतिप्रिय भाईयो
और बहनो,
पूजनधर्मविधि पंचांग के सामान्यकाल के इस सातवें रविवार में बाइबिल के
पाठ हमें ईश्वर की इच्छा के बारे में कहते हैं कि ईश्वर लोगों को अपने जीवन में सहभागी
बनाना चाहते हैं। हम लेवी ग्रंथ के अध्याय 19 के पहले पद में पढ़ते हैं- पवित्र बनो क्योंकि
मैं तुम्हारा प्रभु और ईश्वर पवित्र हूँ।
इन शब्दों के साथ और इसका जो तात्पर्य
है ईश्वर ने चुनी हुई प्रजा को आमंत्रित किया कि वह विधान के प्रति निष्ठावान रहे, उनके
मार्ग पर चले और नियमों के द्वारा सामाजिक कानूनों की स्थापना करे जो कहता है कि तुम
अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो।
यदि हम सुनते हैं तब येसु, जिसमें ईश्वर
ने मानव शरीर धारण किया ताकि वे हर व्यक्ति के पड़ोसी बन गये और हमारे लिए अपने असीम
प्रेम को प्रकट किया हम उसी बुलावे को फिर से सुनते हैं, वही लक्ष्य को गहराई से सुनते
हैं। प्रभु, वास्तव में कहते हैं तुम पूर्ण बनो जैसा तुम्हारा स्वर्गिक पिता पूर्ण है।
(मत्ती 5.48)
हमारी पूर्णता इसमें है कि विनम्रतापूर्वक ईश संतान के रूप में जीवन
जीयें और ठोस रूप में उनकी इच्छा को पूरा करें। संत सिप्रियन ने लिखा कि ईश्वर के पैतृत्व
के लिए ईश्वर की संतान का व्यवहार उस अनुरूप हो ताकि मानव के अच्छे व्यवहार से ईश्वर
की महिमा और प्रशंसा हो।
हम किस तरह येसु का अनुसरण कर सकते हैं येसु ने स्वयं
कहा- अपने शत्रुओं से प्रेम करो और जो तुम पर अत्याचार करते हैं उनके लिए प्रार्थना करो।
जो व्यक्ति अपने जीवन में प्रभु का स्वागत करता है और उन्हें अपने सारे दिल से प्रेम
करता है वह नयी शुऱूआत कर सकता है। वह ईश्वर की इच्छा पूरी करने में समर्थ है एक नये
प्रकार के अस्तित्व को साकार कर सकता है जो प्रेम से अनुप्राणित है तथा जिसकी नियति अनन्त
है।
प्रेरित संत पौलुस कुरिथिंयों के नाम पहले पत्र के अध्याय 3 के 16 वें पद
में कहते हैं- क्या आप यह नहीं जानते हैं कि आप ईश्वर के मंदिर हैं और ईश्वर का आत्मा
आप में निवास करता है
यदि हम इस सच्चाई के बारें में वास्तव में जागरूक हैं
तथा हमारा जीवन इससे निर्मित होता है तो हमारा साक्ष्य स्पष्ट, अर्थपूर्ण और प्रभावोत्पादक
बनता है। आरम्भिक कलीसिया के एक लेखक जोन क्लीमाकुस ने स्काला पारादिसी में लिखा- जैसा
कि कहा जाये कि जब मनुष्य का सम्पूर्ण होना ईश्वर के प्रेम से मिश्रित है तब उसकी आत्मा
का सौंदर्य़ बाहर भी प्रतिबिम्बित होता है उसके सम्पूर्ण जीवन में। जैसा कि हम द इमीटेशन
औफ क्राइस्ट में पढ़ते हैं- प्रेम महान है, ऐसी चीज जो हर भारी वस्तु को हल्का बना देती
है और हर प्रकार की कठिनाई को सरलतापूर्वक सहन करती है। प्रेम उच्च स्तर पर चलने की आकांक्षा
रखती है और पार्थिव चीजों से वह रोकी नहीं जाना चाहता है। यह ईश्वर से उत्पन्न होता है
और ईश्वर में ही यह अंत पाता है।
प्रिय मित्रो 22 फरवरी को हम संत पेत्रुस के
सिंहासन का पर्व मनायेंगे। प्रेरितों में प्रथम उन्हें ख्रीस्त ने ईश प्रजा को आध्यात्मिक
मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए शिक्षक और गडेरिया का काम सौंपा था ताकि वे स्वर्ग तक
ऊपर उठायें जायें। इस प्रकार मैं सब मेषपालों का आहवान करता हूँ कि जीवन की इस नयी शैली
को आत्मसात करें जिसका शुभारंभ प्रभु येसु ने किया और बाद में प्रेरितों ने अपनाया।
हम
कुँवारी माता मरियम ईश्वर और कलीसिया की माँ का आह्वान करें ताकि वे हमें एक दूसरे से
प्रेम करना सिखायें और एक दूसरे को बंधु के समान स्वागत करना सिखायें जो एक ही स्वर्गिक
पिता की संतान हैं।
इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का
पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।