2011-02-19 13:28:24

धर्माध्यक्षों ने सोमशेखर कमीशन रिपोर्ट के विरोध में धरना


बंगलोर, 19 फरवरी, 2011(उकान) कर्नाटक के 18 काथलिक और प्रोटेस्टंट धर्माध्यक्षों ने ईसाई विरोधी हिंसा पर सोमशेखर कमीशन की रिपोर्ट के विरोध में धरना दिया है। धर्माध्यक्षों ने सेवानिवृत्त जज सोमशेखर कमीशन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सन् 2008 में हुई ईसाईविरोधी हिंसा के दोषियों को नहीं खोज पाया।
विरोध का आयोजन कर्नाटक यूनाइटेड क्रिश्चियन फॉरम फॉर ह्रूमन राइट्स और कर्नाटक धर्माध्यक्षीय समिति के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
विदित हो सोमशेखर कमीशन ने हिंसा के करीब तीन सालों के बाद 28 जनवरी को अपनी सरकार को रिपोर्ट पेश की ।
ग़ौरतलब है कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी से सत्ता में है जो आरंभ से हिन्दु ताकतों का समर्थक रही है।
बंगलौर के महाधर्माध्यक्ष बेरनार्ड मोरास ने आयोग की रिपोर्ट पर आरोप लगाया है कि " यह राजनीति से प्रेरित है और बिल्कुल ही एकतरफ़ा, पूर्वधारणा से ग्रसित, मतलबी और यहाँ तक की सामप्रदायिक है।" उन्होंने कहा " यह ईसाइयों के प्रति घोर अन्याय है।"
महाधर्माध्यक्ष मोरास ने इस बात पर गहरा खेद व्यक्त किया है कि जिन ईसाइयों और उनकी सम्पति पर सुनियोजित ढंग से आक्रमण और तोड़फोड़ किये गये उन्हें ही दोषी करार दिया गया है।
जब कि ऐसी ताकतों का जिनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आक्रमण में हाथ रहा उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दिया गया है।
ज्ञात हो कि जब कमीशन ने सन् 2008 में हुए चर्च आक्रमण के 57 मामलों पर विचार किये थे उस समय कर्नाटक की सत्ता पर बीजेपी की सरकार थी।
धर्माध्यक्षों ने माँग कि है कि सरकार इस मामले को सीबीआई से जाँच कराये तब ही न्याय मिल पायेगा।
उन्होंने सरकार से माँग की है कि वे उन 150 दायर मामलों को वापस ले लें जो घायल ईसाइयों पर लगाये गये हैं।
उधर ग्लोबल कौंसिल ऑफ इंडियन क्रिश्चियनस ने बंगलौर ही में एक विरोध रैली निकाली जिसमें करीब 3 हज़ार ईसाइयों ने हिस्सा लिया ।








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