चीन में यूरोप से ज़्यादा मुसलमान और इटली से ज़्यादा सक्रिय ईसाई
चीन, 19 फरवरी, 2011(उकान) इंगलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने कहा है कि "
चीन में यूरोप से ज़्यादा मुसलमान और इटली से ज़्यादा सक्रिय ईसाई हैं।" टोनी ब्लेयर
ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने मंगलवार को ‘विश्वास और वैश्वीकरण’ विषय पर मोन्तेरी
मेक्सिको फोरम के विद्यार्थियों को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि " एक नये तरीके
के वाद-विवाद का जन्म हो रहा जिसका केन्द्रनबिन्दु होगा ‘प्रवासी और रक्षावाद’। और इससे
भी बढ़कर और शक्तिशाली मुद्दे संस्कृति और एकीकरण बनता जा रहे हैं। उन्होंने कहा
कि मध्यपूर्व का मुद्दा है ‘पश्चिम का इस्लाम के प्रति सम्मान और इस्राएल फिलीस्तीन विवाद’।
यूरोप का मुद्दा है संस्कृतियों के एकीकरण की सफलता या विफलता। उन्होंने टेक्नोलॉजी
के विद्यार्थियों से कहा कि प्रजातंत्र और आर्थिक परिवर्तन काफ़ी नहीं है। आज हमारे सामने
एक सामाजिक चुनौती यह कि क्या हम उन लोगों के प्रति उदार और खुले हैं जिनका धर्म अलग
और संस्कृति भिन्न है। आज ज़रूरत है इस बात की कि हम यह विचार करें कि असुरक्षा और
आर्थिक संकट के दौर में हम अपने को बंद कर लें या खुले रहें। इस मुद्दे पर भी विचार
करने की आवश्यकता है कि हम देखें कि अगर हमारे खुलेपन की शर्ते क्या हैं। लोगों को इस
बात को समझना होगा कि धर्म का अर्थ क्या है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मध्य
पूर्व में प्रजातंत्र को एक खुले मनोभाव से प्रस्तुत किया जाना चाहिये न कि सिर्फ़ इसके
आर्थिक स्वरूप को। तब ही यह लोगों के लिये हितकारी होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूर्व
और पश्चिम के बीच दूरियाँ बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि " जो भी हो मैं बतलाना चाहता हूँ कि
धर्म की भूमिका अहम् है।" विश्वास लोगों को प्रेरित करता है इसीलिये विश्वास को समझना
इसके ढाँचे, स्वरूप और झुकाव को समझना उतना ही मह्त्त्वपूर्ण है जितना देश के जीडीपी,
श्रोत और व्यवसाय को। वैश्वीकरण के कारण ये सारे मुद्दे तेजी से फैल रहें हैं। ज़रूरत
है इनके साथ हमें जीना सींखना है नहीं तो हम इसकी आँधी में बह जायेंगे। “