इराक के मोसुल शहर में ईसाई भय के वातावरण में जीवन जी रहे हैं
इराक में मोसुल के खाल्दीयाई काथलिक महाधर्माध्यक्ष एमिल शिमौन नोना ने नयूजमैक्स को
बताया कि इराक के दूसरे सबसे बडे शहर में रहनेवाले ईसाई हमेशा भय के वातावरण में जीवन
जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल शीत ऋतु में ईसाई विरोधी हिंसा से बचने के लिए
पलायन करनेवाले अधिकांश परिवारों ने अपनी बचत का उपयोग कर लिया है तथा उन्हें लौटना पडा।
यहाँ हमेशा भय का वातावरण बना हुआ है और लोग जानते हैं कि उन्हें हिंसा का लक्ष्य बनाया
जायेगा। महाधर्माध्यक्ष नोना ने कहा कि स्थानीय ईसाई, कुर्दिश सुरक्षा बलों के हाथों
अत्याचारों का सामना करते हैं तथा वे इराक में राजनैतिक स्तर पर हो रहे अंदरूनी संघर्ष
के कारण पीडि़त हैं। उन्होंने कहा कि वे इस तथ्य से इंकार नहीं करते हैं कि यहाँ धार्मिक
चरमपंथियों की उपस्थिति है लेकिन निश्चित रूप से राजनीतिज्ञों द्वारा इस्लामी चरमपंथियों
का उपयोग किया जा रहा है और यह सम्मिश्रण करने या मिक्स वाली स्थिति है। उन्होंने कहा
कि यदि विश्व की जनता को यह जानकारी मिले तो अमरीका के राजनीतिज्ञ इराक के राजनीतिज्ञों
पर प्रभाव डाल सकते हैं कि वे हमें इस राजनैतिक संघर्ष से बाहर निकालें क्योंकि हमारी
समस्या का बहुत बड़ा भाग इराक के राजनीतिक दलों के मध्य चल रहा राजनैतिक संघर्ष है।