2011-02-12 13:55:09

मिश्र का भविष्य जनता के हाथ में


रोम, 12 फरवरी, 2011 (ज़ेनित) " मिश्र का भविष्य जनता के हाथ में हैं और उन्हें चाहिये कि वे वर्त्तमान समस्या का उचित समाधान खोजें। "
मिश्र में वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष मिखाएल लुईस फिजेराल्ड ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने तेजी से बदलती मिश्र की राजनीतिक गतिविधियों पर अपने विचार व्यक्त किये।
महाधर्माध्यक्ष मिखाएल ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के समय किये संत पापा की प्रार्थना को याद करते हुए कहा कि संत पापा की प्रार्थना के अनुसार ही मिश्र के लोग शांति और सद्भावना अनुभव करें ।
उन्होंने कहा कि " काथलिक कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत बिल्कुल स्पष्ट हैं कि मानव समुदाय पर शासन करने के लिये एक अधिकारी की आवश्यकता होती है पर इसकी नैतिक वैधता उस अधिकारी से नहीं आती है।
उस अधिकारी को चाहिये कि वे नैतिक साधनों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक हित के लिये कार्य करे, न कि एक स्वेच्छाचारी शासक के रूप में।
उन्होंने काथलिक कलीसियाकी धर्मशिक्षा को उद्धृत करते हुए कहाकि " सार्वजनिक हित तीन बातों पर निर्भर करता है मानव के मौलिक अधिकारों का सम्मान और विस्तार, समृद्धि या आध्यात्मिक और प्राकृतिक सम्पति का विकास और सामूदायिक शांति और सुरक्षा व्यवस्था। " (न.1925)
महाधर्माध्यक्ष मिखाएल ने बताया कि कई लोगों ने रोसमी शासन के बारे में विभिन्न शब्दों से यही शिकायत की कि सरकार तीनों क्षेत्रों में असफल रही है।
विदित हो 18 दिनों से चली आ रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन ने 82 वर्षीय राष्ट्रपति मुबारक को अपने पद छोड़ने को मजबूर कर दिया।
मिश्र के ईसाइयों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि " देश के नागरिक के रूप में उनका दायित्त्व है कि वे न्याय और समानता के लिये कार्य करना जारी रखेंगे।"
" मिश्र में हुए 30 साल से सत्ता में काबिज़ मुबारक को हटाने कि सिलसिरे में सरकार विरोधी आंदोलन ने ईसाइयों और मुसलमानों को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है । यह वार्ता और सहयोग के लिये एक अच्छा आधार बन सकता है।"













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