कोलकाता, 12 फरवरी, 2011(उकान) भारतीय धर्माध्यक्षीय समिति के सामाजिक संप्रेषण विभाग
के संयोजक फादर पौल कत्तुकरन ने 7 फरवरी कोलकाता के सलेशियन सेंटर में ईसाई चित्रकारों
का एक विशेष सम्मेलन बुलाया था। फादर पौल ने सभा का लक्ष्य के बारे में बताते हुए
कहा उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के द्वारा वे चाहते हैं धन्य मदर तेरेसा को अपना सम्मान
और श्रद्धांजलि अर्पित करें। इस सम्मेलन की विषयवस्तु थी " मदर तेरेसा की शांति और
सहानुभूति।" चित्रकारों के इस प्रथम सम्मेलन में 24 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमें
प्रोटेस्टंट कलीसिया तथा कुछ हिन्दु चित्रकारों ने भी हिस्सा लिया। जेस्विट फादर रोय
तोट्टम ने कहा कि पूरे देश के चित्रकारों के एक मंच पर जमा होने से कलाकारों की एकता
मजबूत हुई है । उन्होंने आशा जतायी कि काथलिक कलीसिया चित्रकारों को प्रोत्साहन देगी
ताकि वे विश्व को उचित योगदान दे सकें। उन्होंने यह भी कहा कि सुसमाचार प्रचार में ईसाई
कलाकारों की भूमिका बहुत अहम है। गोवा की 49 वर्षीय अनिता विगस ने कहा कि चित्रकारों
का ऐसा संगठन, धर्म का बिना भेदभाव किये वार्ता, एकता और शांति को बढ़ावा देने का संगठन
बनें ईसाई चित्रकारों को चाहिये कि वे बाईबल की कहानियों को चित्रों के द्वारा ऐसा
प्रस्तुत करे कि लोग विश्वास के साथ अपने जीवन को जोड़ सकें। इस अवसर पर बोलते हुए
कोलकाता के 33 वर्षीय सुभास माइत ने कहा कि धन्य मदर तेरेसा के नाम पर चित्रकारों का
एक साथ कार्य करना गहरे संतोष की बात है। उन्होंने बताया कि उन्होंने धन्य मदर तेरेसा
पर 30 चित्र बना लिये हैं। सम्मेलन के संयोजक कत्तुकरन ने बताया कि चित्रकारों के चित्रों
की प्रदर्शनी सह बिक्री के लिये 15 फरवरी तक उपलब्ध होगी।