2011-02-11 17:49:15

कलीसिया ने लूर्द की कुँवारी माता मरियम के पर्वदिवस पर 19 वाँ विश्व रोगी दिवस मनाया


काथलिक कलीसिया ने 11 फरवरी को लूर्द की माता मरियम के पर्व दिवस पर 19 वाँ विश्व रोगी दिवस मनाया। इस दिवस की स्थापना वंदनीय संत पापा जोन पौल द्वितीय ने की थी। इस वर्ष के विश्व रोगी दिवस के लिए दिये गये संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के संदेश का शीर्ष वाक्य है- बय हिस वुंडस यू हैव बीन हीलड अर्थात् उनके घावों द्वारा आप चंगा किये गये हैं।

दिसम्बर माह में प्रकाशित इस संदेश में संत पापा कहते हैं कि लूर्द की धन्य कुँवारी माता मरियम के स्मृति दिवस के दिन जो 11 फरवरी को मनाया जाता है कलीसिया प्रतिवर्ष विश्व रोगी दिवस मनाने का प्रस्ताव करती है। यह घटना जैसा कि वंदनीय जोन पौल द्वितीय चाहते थे कि पीड़ा के रहस्य पर मनन चिंतन करने का महत्वपूर्ण अवसर बने तथा हमारे समुदायों और नागरिक समाज को बीमार भाई-बहनों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाये।

संदेश में कहा गया है कि यदि हर इंसान हमारा बंधु है तो जो बीमार हैं, जी पीड़ा सह रहे हैं एवं जिन्हें सहायता की जरूरत हैं उन्हें हमारे ध्यान के केन्द्र में होना चाहिए ताकि उनमें से कोई भी स्वयं को भूला दिया गया महसूस न करे। वस्तुतः, पीड़ा और पीड़ित व्यक्ति के साथ संबंध में ही मानवता की सही माप का निर्धारण होता है। यह बात व्यक्तिगत और समाज दोनों स्तर पर लागू होती है। समाज जो अपने पीड़ित सदस्यों को स्वीकार करने में तथा उनकी पीड़ा में सहभागी होने में असमर्थ है एवं आंतरिक रूप से सहानुभूति नहीं दिखाता है तो वह निर्दय और अमानवीय समाज है।

संत पापा जोन पौल द्वितीय ने विश्व रोगी दिवस की स्थापना के अवसर पर दिये गये अपने संदेश में लिखा था कि यह दिवस प्रार्थना और शेयरिंग करने का विशेष समय सिद्ध हो, कलीसिया की भलाई के लिए लोग अपनी पीड़ा को अर्पित करें तथा प्रत्येक जन को स्मरण करायें कि वह अपने बीमार भाई या बहन में येसु ख्रीस्त के चेहरे को देखे जिन्होंने अपने दुःखभोग, पीड़ा, मृत्यु और पुर्नजीवन द्वारा मानवजाति के लिए मुक्ति प्राप्त किया।








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