2011-02-10 16:30:44

बुलाहटों के लिए 48 वाँ विश्व प्रार्थना दिवस हेतु संत पापा का संदेश


काथलिक कलीसिया द्वारा 15 मई को बुलाहटों के लिए 48 वाँ विश्व प्रार्थना दिवस मनाया जायेगा। इस दिवस के लिए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के संदेश की प्रकाशना वाटिकन द्वारा 10 फरवरी को की गयी जिसका शीर्ष वाक्य है- प्रोपोजिंग वोकेशंस इन द लोकल चर्च अर्थात स्थानीय कलीसिया में बुलाहटों का प्रस्ताव करना।

संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अपने संदेश में कहा है कि 70 वर्ष पूर्व वंदनीय संत पापा पियुस बारहवें ने पौरोहितिक बुलाहटों के लिए परमधर्मपीठीय समिति की स्थापना की थी। इसी प्रकार के निकायों की स्थापना भले गड़ेरिये येसु ख्रीस्त के आह्वान के जवाब में अनेक पुरोहितों और लोकधर्मियों के नेतृत्व में धर्माध्यक्षों द्वारा अनेक धर्मप्रांतों में की गयी।

संत पापा ने कहा कि यह जरूरी है कि स्थानीय कलीसिया बुलाहटों के प्रसार की मेषपालीय सेवा में और अधिक संवेदनशील और सजग बने। वह परिवार, पल्ली और संगठनों के हर स्तर पर बच्चों और युवाओं को सहायता करे जैसा कि येसु ने अपने शिष्यों के साथ किया ताकि वे प्रभु के साथ यथार्थ और स्नेहपूर्ण मित्रता में बढ़ें।

संत पापा ने कहा कि स्थानीय कलीसिया में बुलाहटों के प्रस्ताव करने का अर्थ है कि येसु का चुनौतीपूर्ण तरीके से अनुसरण करने के तथ्य को साहसपूर्वक प्रस्तुत करना क्योंकि यह इतना समृद्ध है कि इसमें व्यक्ति का पूरा जीवन शामिल हो जाता है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन दिया है कि वे पौरोहितिक औॅर धर्मसमाजी बुलाहटों को यथासंभव प्रोत्साहन दें तथा मिशनरी बुलाहटों में विशेष रूचि प्रदर्शित करें। उन्होंने धर्माध्यक्षों से कहा है कि वे धर्मप्रांतीय बुलाहट कार्यालयों में काम करनेवालों का भी सावधानीपूर्वक चयन करें। संत पापा ने धर्माध्यक्षों को सार्वभौमिक कलीसिया की जरूरत को भी ध्यान में रखने का स्मरण कराया है ताकि सार्वभौमिक कलीसिया में विश्व के विभिन्न भागों में पुरोहितों का वितरण समरूप हो।








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