2011-02-07 19:51:34

शिक्षा प्रेम से पूर्ण दान - संत पापा


वाटिकन सिटी, 7फरवरी, 2011( सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने प्लेनरी ऑफ द कोन्ग्रेगेऑशन फॉर कैथोलिक एडुकेशन के सदस्यों को 7 फरवरी सोमवार को संबोधित करते हुए कहा शिक्षा, बुद्धिजीवियों की ओर से दिया गया ऐसा प्रेमपूर्ण दान है जिसे देने के लिये दायित्व, समर्पण और अनवरत प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का कार्य इन दिनों ने चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि आज का समाज एक ऐसी संस्कृति की अग्रसर हुआ है जहाँ लोग सापेक्षवाद का रास्ता अपनाते, सत्य को नहीं पहचानते, सत्य बोलने से भय खाते और व्यक्तिगत तथा सामूदायिक जीवन की बुनियादी मूल्यों को संदेह करने लगते हैं।

संत पापा ने आशा व्यक्त की कि काथलिक शिक्षा के लिय बनी समिति में काथलिक शिक्षा संबंधी जिन मुद्दों पर विचार किये जायेंगे उससे आधुनिक " शैक्षणिक आपातकालीन " स्थिति से उबरने में मदद मिल पायेगी।

संत पापा ने इंटरनेट के इस्तेमाल और सेमिनरियों के प्रशिक्षण के बारे में बोलते हुए कहा कि लघुगुरुकूलों में प्रशिक्षण देने वालों को चाहिये कि अपने को पर्याप्त तैयारी करें ताकि वे इंटरनेट के प्रयोग औऱ कमप्यूटर का सकारात्मक उपयोग कर सकें।
संत पापा ने कहा कि आज अंतरसांस्कृति शिक्षा की बात कही जाती है।

इसके लिये नये साहसपूर्ण वफ़ादारी की ज़रूरत है जिसमें स्वपहचान और अन्य की पहचान ऐसा सम्मिलित हो कि समाज में एक साथ जीने का लक्ष्य पूरा हो सके।

काथलिक धार्मिक शिक्षा एक ऐसी शिक्षण है जो दूसरे दूसरे विषयों के साथ मिलकर न केवल विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास में मदद दे पर ज्ञान समझदारी और आपसी सम्मान करने में मदद दे। इसलिये ख्रीस्तीय प्रशिक्षकों को चाहिये कि वे अपने जीवन से सत्य और प्रेम की अभिव्यक्ति के साक्ष्य बनें।








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