रांची : पोप के प्रतिनिधि सह वेस्टमिनस्टर के महाधर्माध्यक्ष कॉरमैक कार्डिनल मरफी-ओ
कौन्नोर रांची में स्वागत से भावविभोर हो गए। उन्होंने कहा, " 25 साल पहले पोप जॉन पॉल
का भी ऐसा ही स्वागत किया गया था। ढाई दशक पुराना वह उत्साह आज भी वैसा ही है।"
कॉरमैक ने कहा कि " मैं रांची आकर बहुत खुश हूँ, क्योंकि मैं पोप बेनेदिक्त 16 वां
के प्रतिनिधि के रूप में आया और वो भी आपके राज्य के आर्चबिशप के साथ। बिशप प्रेरितों
के उतराधिकारी होते हैं और यही एकता का चिह्न है। " राँची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट
पर विभिन्न धर्मप्रांतों के बिशपों ने कार्डिनल की अगुवाई की और पुष्पगुच्छा देकर उनका
स्वागत किया। स्कूली बच्चों ने हवाई हड्डे पर कतारबद्ध हो तालियां बजाकर पोप प्रतिनिधि
कार्डिनल कॉरमैक का स्वागत किया। इसके बाद पोप प्रतिनिधि को एक फूलों से सजी एक खुली
आकर्षक जीप में संत जॉन, उर्सुलाइन व संत अन्ना के बैंड की धुन के साथ डॉ. कामिल बुल्के
पथ में अवस्थित जेस्विट मुख्यालय मनरेसा हाउस लाया गया। विभिन्न कैथोलिक मिशनरी
संगठनों ने अपने अतिथि का भव्य स्वागत किया। बाद में परंपरागत आदिवासी नृत्य के साथ कार्डिनल
को संत मरिया महागिरजाघर तक लाया गया, जहां उन्होंने मोमबती जलाई और प्रार्थना की। मौके
पर एशिया के प्रथम आदिवासी कार्डिनल, राँची के महाधर्माध्यक्ष तेलेस्फोर पी. टोप्पो,
भारत में रोम के राजदूत, साल्वातोर पेन्नसियो, बिशप विनय कंडुलना, बिशप चार्ल्स सोरेंग,
तथा बिशप बिसेंट बरवा सहित कई धर्माध्यक्ष, पुरोहित, धर्मबन्धु व धर्मबहनें बड़ी संख्या
में उपस्थित थीं।