2011-02-05 14:28:00

ग़रीबों के लिये कार्य करने की तीव्र इच्छा धर्मसमाजी बनने की प्रेरणा


कोलकोता, 5 फरवरी, 2011 (उकान) " ग़रीबों के लिये कार्य करने की तीव्र इच्छा धर्मसमाजी बनने की प्रेरणा रही है।" उक्त विचार युवाओं ने उस समय व्यक्त किये जब 3 फरवरी को विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों में धर्मसमाजी बनने को इच्छुक 150 युवाओं की एकदिवसीय सभा कोलकाता के कोनचौकी में सम्पन्न हुई।
जेस्विट फादर जयराज वेलुस्वामी ने इस एक दिवसीय सेमिनार के लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि वे चाहते है कि एक-दूसरे के अनुभवों के आदान-प्रदान से युवा अपने को धर्मसमाजी जीवन के लिये पूर्ण रूप से समर्पित कर सकें।
उन्होंने कहा सेमिनार में धर्मसमाजी बुलाहट के बारे में चिन्तन करने से उम्मीदवार अपने धर्मसमाज के विशिष्टताओं को पहचान पाये और अपनी बुलाहट में सुदृढ़ता प्राप्त की।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार प्रतिभागियों ने अपनी बुलाहटीय जीवन की शुरूआत और चुनौतियो को दूसरों को बताया।
इस अवसर पर बोलते हुए अंजेला बिलुंग ने कहा कि उन्हें पढ़ाई के बाद एक अच्छी नौकरी मिल गयी थी पर उन्होंने उसे छोड़ कर मदर तेरेसा के धर्मसमाज में प्रवेश किया क्योंकि वह ज़रूरतमंदों की सेवा करना चाहतीं थी।
मंगलोर की सुलेखा डीसूजान बताया कि वह बेथनी सिस्टरों के समर्पण की भावना से प्रभावित हुई और प्रदीप सुरीन ने बताया कि 12 वर्ष से ही धर्मप्रांतीय पुरोहितों के जीवन ने उसे आकर्षित किया।
प्रदीप का मानना है कि बीमारों को देखने जाना और उनकी सेवा करने से उनकी बुलाहट मजबूत हुई है।










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