2011-02-03 16:37:06

इम्मानुएल समुदाय के लिए संत पापा का संदेश


(वाटिकन सिटी सेदोक, वीआर अंग्रेजी 3 फरवरी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरूवार 3 फरवरी को वाटिकन स्थित कनसिसटरी सभागार में इम्मानुएल समुदाय के लगभग 60 प्रतिनिधियों को समुदाय के संस्थापक पियेर गुरसात के निधिन की 20 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर सम्बोधित किया और कहा कि यथार्य़ यूखरिस्तीय जीवन, जीवन मिशन है। उन्होंने कहा कि ऐसा विश्व जो भ्रमित है तथा जीवन जीने के लिए नये कारणों की खोज कर रहा है ख्रीस्त का प्रकाश सबके लिए हो। आज के नर नारियों के मध्य आप सुसमाचार के उत्साही मिशनरी हों, ऐसा जीवन जो ख्रीस्त के द्वारा धारण किया गया है, आप ईश वचन की उदघोषणा करने के लिए उत्सुक रहें।
इम्मानुएल समुदाय विश्वासियों का अंतरराष्ट्रीय पब्लिक एसोसियेशन है जिसे कलीसियाई विधानों के तहत लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति द्वारा 8 दिसम्बर 1992 से मान्यता मिली है। इस समुदाय के लगभग 8 हजार सदस्य 57 देशों में हैं। इसका मिशन वर्तमान विश्व में ख्रीस्त की उदघोषणा करना तथा समुदाय के सदस्यों को पवित्रता का जीवन जीने के लिए ईश्वर के बुलावे का जवाब देने हेतु मार्गदर्शन देना है।
संत पापा ने कहा कि इस समुदाय की अपनी विशेषता के साथ ही वे सदस्यों को ख्रीस्त के साथ निजी साक्षात्कार को महत्व देते हुए अपने आध्यात्मिक जीवन को गहन बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। इम्मानुएल अर्थात् ईश्वर हमारे साथ हैं, यह उन्हें मिशन की गहन इच्छा में पूरी तरह बदल दे।
संत पापा ने कहा कि यूखरिस्त में वे ख्रीस्त का अनुसरण करने के अपने समर्पण के लिए हर प्रकार का स्रोत पायेंगे। ईश वचन की उदघोषणा करने की जरूरत पर बल देते हुए संत पापा ने कहा कि ऐसा करना परिवारों में बहुत जरूरी है जो बहुधा युवाओं और बुद्धिजीवियों के मध्य खंडित हो गया है।
संत पापा ने इम्मानुएल समुदाय के सदस्यों को यथार्थ समुदाय की भावना में जीवन जीने के लिए आमंत्रित करते हुए उन्हें ख्रीस्त, कलीसिया तथा इसके मेषपालों के निष्ठावान शिष्य बने रहने के लिए अपने समर्पण का नवीनीकरण करने का आग्रह किया तथा प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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