वाटिकन सिटीः कुष्ठ रोगियों के लिये न्याय का आह्वान
पहली फरवरी, सन् 2011 (सेदोक, वी.आर.): विश्व कुष्ठ रोगी दिवस तीस जनवरी को मनाया गया।
इस उपलक्ष्य में जारी अपने सन्देश में स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के
अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष ज़िगमुण्ड ज़िमोव्स्की ने कुष्ठ रोगियों के प्रति प्रेम एवं न्याय
का आह्वान किया।
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यद्यपि आज कुष्ठ रोगियों के लिये चिकित्सा
और उपचार उपलब्ध है तथापि इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति उत्पीड़ित हैं।
उन्होंने
कहा, "अज्ञान, असमानता और भेदभाव, इस रोग के इर्द गिर्द घूमते हैं, विशेष रूप से, समयोचित
उपचार की आवश्यकता के प्रति ग़ैरसमझदारी, कुष्ठरोग से अपंग हुए लोगों के पुनर्वास के
प्रति लापरवाही के साथ साथ इस तथ्य के प्रति ग़ैरसमझदारी कि जो लोग कुष्ठ रोग से चंगे
हो चुके हैं उनके द्वारा संक्रमण नहीं फैल सकता कुष्ठ रोगियों की पीड़ा को बढ़ा रही है।"
महाधर्माध्यक्ष ज़िमोव्स्की ने सभी से अपील की कि वे कुष्ठ रोग से ग्रस्त लोगों
के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन करें तथा यथासमय उनके उपचार का प्रयास करें। साथ ही उन्होंने
कुष्ठ रोगियों से भी अनुरोध किया कि अपनी स्थिति को स्वीकार करने के लिये वे प्रार्थना
करें तथा उन लोगों के लिये भी प्रार्थना करें जो इस रोग की वजह से, रोगियों की प्रतिष्ठा
एवं उनकी कहानी को जाने बिना, उनसे दूर हो गये हैं।