ईशनिन्दा कानून के संभवित संशोधन के मद्देनज़र कराची की सड़कों में महिलायें
कराची, 31 जनवरी, 2011 (एशियान्यूज़) जमात-ए-इस्लामी आंदोलन के महिलाओं ने ईशनिन्दा
कानून के संभवित संशोधन के मद्देनज़र कराची की सड़कों में मार्च किया।
विरोध
मार्च शुक्रवार 28जनवरी को शुक्रवार की प्रार्थना सभा के बाद निकाली गयी। शुक्रवार प्रार्थना
सभा के बाद लोग राष्ट्रीय संग्रहालय मज़ार-ए-क्वाइद के पास जमा हो गये और नुमाइश चौरांगी
क्षेत्र में चले गये।
इस रैली में मुख्य रूप से भाग लेने वालों में स्कूल और
विभिन्न संस्थाओं की छात्रायें थीं ।
प्रदर्शनकारियों ने ईशनिन्दा कानून पर संशोधन
की माँग करने वालों को खिलाफ़ नारे लगाये और बैनर दिखलाये।
जमात-ए-इस्लामी नेता
गफूर अहमद ने कहा कि " ईशनिन्दा कानून में परिवर्तन के किसी भी प्रयास का विरोध किया
जायेगा।"
इस अवसर पर बोलते हुए जी के उपाध्यक्ष अशरफ जलाली ने कहा कि पंजाब
के गवर्नर सलमान तासीर के कथित हत्यारे मुमताज कादिरी की निन्दा से प्रदर्शन और विरोध
और तीव्र होगा क्यों कि वह मुसलिम उम्माह का हीरो है।"
इस कट्टरवादी आन्दोलन
के सदस्यों ने माँग की है कि पाकिस्तान में अवस्थित वाटिकन के सभी कार्यकर्ताओं को देश
से निकाल दिया जाये क्यों संत पापा के बयान पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में " दख़लबाजी
" है।
विदित हो कि 10 जनवरी को संत पापा ने विश्व के राजनयिकों को संबोधित करते
हुए कहा धार्मिक स्वतंत्रता स्थापित करने और ईशनिन्दा कानून को निरस्त करने की अपील की
थी। 30 जनवरी के प्रदर्शन में इस कट्टरवादी दल ने यह कहा कि वे इस्लमाबाद की यात्रा
करने को तैयार हैं अगर इस्लमाबाद में ईशनिन्दा कानून के तहत् बन्द 45 वर्षीय ईसाई महिला
आशिया बीबी को सुनाये गये मृत्युदंड पर अमल नहीं किया गया।
उधर इसलमाबाद ते धर्माध्यक्ष
मोनसिन्योर अंतोनी रुफिन ने 30 जनवरी को एक दिवसीय उपवास किया और पाकिस्तान की शांति
और सद्भावना के लिये प्रार्थना की।