कर्नाटक में सन 2008 की ईसाई विरोधी हिंसा में सरकार और पुलिस को ‘क्लीन चिट’
बैंगलुरू। कर्नाटक राज्य में वर्ष 2008 में ईसाईयों और उनके अनेक गिरजाघरों पर हुए हमलों
में न्यायमूर्ति सोमशेखर आयोग ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और संघ परिवार से जुड़े संगठनों
को ‘क्लीन चिट’ दे दी है।
जस्टिस सोमशेखर आयोग ने कहा है कि ईसाई याचिकाकर्ताओं
की इस आशंका को सही साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला कि हमलों के पीछे भाजपा सरकार,
पुलिस और संघ परिवार से जुड़े संगठनों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका थी।
मुख्यमंत्री
बी एस येदियुरप्पा को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के साथ
भड़काने वाले साहित्य का वितरण और कुछेक संगठनों और स्वनियुक्त पास्टरों द्वारा किये
गये धर्मांतरण का मुद्दा हमले के मुख्य कारण थे।
भीड़ ने सितंबर 2008 में मंगलोर,
उडुपी, चिकमंगलूर, कोलार, चिकबल्लारपुर, बेल्लारी और दावणगेरे जिलों में अनेक गिरजाघरों
तथा ईसाईयों पर हमले किए थे।
ईसाईयो के खिलाफ हमलों की जाँच के लिए जस्टिस सोमशेखर
आयोग की स्थापना तीन माह के लिए की गयी थी लेकिन इसकी कार्यावधि 10 बार बढ़ायी गयी। एक
सदस्यीय आयोग ने हमलों से संबंधित 2204 और 30 सामग्रियों को जमा किया तथा 25 स्थलों का
अवलोकन किया था।
जस्टिस सोमशेखर आयोग ने राज्य सरकार को सब धर्मों और राजनीतिक
दलों का सहयोग भी लेने को कहा है ताकि ईसाईयों को वह विश्वास दिला सके कि उनकी कठिनाईयों
के प्रति उसमें संवेदनशीलता तथा सहानुभूति है।
कर्नाटक राज्य की आबादी 52.8 मिलियन
है जिसमें ईसाईयों की संख्या 2 प्रतिशत से भी कम है। राज्य में हिन्दुओं की आबादी 44.3
मिलियन है।