वाटिकन सिटी, 24 जनवरी, 2011 (ज़ेनित) वाटिकन के स्विस सुरक्षाकर्मियों ने वाटिकन में
अपनी सेवा का 505वाँ वर्षगाँठ मनाया। वर्षगाँठ समारोह के लिये वाटिकन के कमपोसन्तो
तियोतोनिको के सान्ता मरिया देल्ला पियेता में आयोजित यूखरिस्तयीय बलिदान में प्रवचन
देते हुए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट विभाग के महाधर्माध्यक्ष फरनन्दो फिलोनी ने कहा कि " ईश्वर
सबों को अपना अनुसरण करने के लिये आमंत्रित करते हैं, कुछ लोगों को बुलाते और उन्हें
विशेष कार्य सौंपते हैं ताकि वे उसके मिशन को आगे बढ़ाने में सहयोगी सिद्ध हों।" उन्होंने
कहा कि इसी विशेष मिशन के तहत् ईश्वर ने सुरक्षाकर्मियों को संत पापा की सुरक्षा के द्वारा
कलीसिया के सार्वभौमिक मिशन में सहभागी होने का अवसर प्रदान किया है। महाधर्माध्यक्ष
ने उनके लिये प्रार्थना करते हुए कहा कि ईश्वर उन्हें अपनी आत्मा प्रदान करे ताकि वे
दायित्व वफ़ादारी से निभायें। मिस्सा के बाद स्विस गार्डों ने संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्रांगण अपने संगठन की स्थापना दिवस की यादगारी में बैंड और झंडे के साथ परेड किया।
विदित हो 22 जनवरी सन् 1506 में तत्कालीन संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के
इसी प्रांगण में कप्तान कास्पर वोन सिलेने के नेतृत्व में संगठित 150 सदस्यीय स्विस सुरक्षा
जवानों के दल का स्वागत किया था। फिलहाल कर्नल दानिएल रूडोल्फ अनरिंग के नेतृत्व
में 110 सुरक्षा गार्ड पर वाटिकन के सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है। मोनसिन्योर अलाइन गाई
राएमी उनके चैपलिन हैं। विदित हो कि 500 साल पहले संत पापा जुलियुस द्वितीय देल्ला
रोभेरे (1503-1513) ने " कोनफेदेरातिस सुपिरियोरिस अलेमानिय" से अनुमति माँगी थी कि
वे स्विस जवानों को संत पापा की सुरक्षा के लिये भर्ती कर सकें। ज्ञात हो कि स्विस
जवानों की योग्यता की उम्र है 19 और 30 के बीच, उँचाई 5 फीट 7 इंच और सेना का प्रशिक्षण। कई
लोगों का मानना है कि माईकेलअन्जेलो ने उनके परिधान की डिज़ाइन की थी। पर नये परिधान
को 1915 में स्वीकृत किया गया। प्रत्येक वर्ष 6 मई को एक परंपरागत समारोह में उनकी
भर्ती होती है। ग़ौरतलब है कि इसी दिन सन 1527 ईस्वी में 47 स्विस सुरक्षाकर्मियों ने
चार्ल्स पंचम की सेना से संत पापा क्लेमेंट सप्तम की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का
बलिदान किया था।