कराची, 17 जनवरी, 2011( एशियान्यूज़) संत पापा बेनेदिक्त के ईशनिन्दा कानून को निरस्त
करने संबंधी वक्तव्य के विरोध में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अतिवादी गुटों और कट्टरपंथी
राजनीतिक दलों ने विरोध जताया एवं प्रदर्शन किये।
विरोध करने वालों ने संत पापा
के वक्तव्य को " इस्लाम की आत्मा पर हमला " कहा है।
विदित हो कि संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने विश्व के राजनयिकों को दिये अपने परंपरागत संबोधन में पंजाब के गवर्नर सलमान
तासीर की हत्या का जिक्र किया था जिसकी हत्या उसके एक सुरक्षागार्ड ने 4 जनवरी को कर
दी थी।
गवर्नर सलमान तासीर ने ईशनिन्दा कानून की आलोचना की थी। एशियान्यूज़ ने
बताया कि पोप के विरोध में कराची, लाहौर और रावलपिंडी में हुए।
विरोध एवं प्रदर्शन
का आह्वान कट्टरवादी तेहरिक-ए-तहाफ्फुज़ और नामूस-ए-रिसालत गुट के लोगों ने किया। यह
गुट ईशनिन्दा कानून के किसी भी संशोधन या निरस्त का विरोध करता रहा है।
कट्टरवादी
राजनीतिक पार्टियों में जमात-उद दवाह (जुद), तेहरिक, ज़मात-ए-इस्लामी, जमायत-ए-पाकिस्तान
और जमायच उसेमा-ए-इसलाम-फज़्ल आदि शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों को संबोधिक करते
हुए जुद के नेता हफ़ीफ मासूरन ने संत पापा के अशिया बीबी के समर्थन की आलोचना की।
विदित हो कि आशिया बीबी नामक एक ईसाई महिला को ईशनिन्दा कानून के तहत् पैगंबर मुहम्मद
को कथिक रूप से अनादर करने के आरोप में मृत्युदंड सुनाया गया है। जमात-ए-इस्लाम के
नेता अमीर अमीरुल अज़ीम सरकार से माँग की है वह संत पापा के वक्तव्य का आधिकारिक विरोध
करे और उन्होंने ईशनिन्दा कानून पर किये सभी संशोधनों को भी हटा दिये जाने की माँग की
है।
उन्होंने इस बात की घोषणा की है कि 30 जनवरी को लाहौर में एक बड़े विरोध
प्रदर्शन आयोजन किया जायेगा और सत्ताधारियों को हिदायद दी जायेगी कि वे "मुसलिमों की
भावनाओं से न खेलें।"