श्री लंकाः मन्नार धर्माध्यक्ष ने स्वतंत्रता की अपील की
उत्तरी श्री लंका में मन्नार के काथलिक धर्माध्यक्ष रायाप्पु जोसफ ने, गृहयुद्ध के बाद
सरकार द्वारा स्थापित पुनर्मिलन समिति से कहा है कि युद्ध समाप्त हो गया है किन्तु उसके
बाद भी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा समारोहों को आयोजित
करने की स्वतंत्रता को कुण्ठित किया जा रहा है।
मन्नार धर्मप्रान्त की ओर से,
आठ और नौ जनवरी को, समिति के समक्ष प्रस्तुत अपने साक्ष्य में धर्माध्यक्ष रायाप्पु जोसफ
ने सेना पर ज़्यादतियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कई अवसरों पर, सेना ने हत्या के
शिकार बने या लापता नागरिकों के लिये आयोजित प्रार्थना समारोहों के आयोजनों को रद्द कर
दिया। इसके अतिरिक्त, पुरोहितों को लगातार धमकियाँ दी जाती हैं कि वे गृहयुद्ध में मारे
गये लोगों की याद में धार्मिक समारोहों का सम्पादन न करें।"
उन्होंने प्रस्ताव
रखा कि श्री लंका की सरकार युद्ध में मारे गये लोगों के आदर में शोक दिवस घोषित करे तथा
अपने लापता परिजनों को खोजनेवाले परिवारों के आवागमन पर रोक न लगाये। .