पाकिस्तानः ख्रीस्तीय कलीसियाओं द्वारा हत्यारे की प्रशंसा का खण्डन
पाकिस्तान में, पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या और कुछेक रूढ़ीवादी इस्लामी संगठनों
द्वारा हत्यारे की तारीफ़ के बाद, पाकिस्तानी समाज में उत्पन्न विभाजन के प्रति पाकिस्तान
की ख्रीस्तीय कलीसियाओं ने गहन चिन्ता व्यक्त की है।
लाहौर में रविवारीय याग
के अवसर पर प्रवचन करते हुए फादर एनड्रू निस्सारी ने कहा, "हमारा देश दो गुटों में विभाजित
हो गया हैः मध्यमार्गियों एवं अतिवादियों में। जब पढ़े लिखे लोग जैसे वकील आदि भी उदारवादी
गवर्नर के हत्यारे को फूल मालाएँ चढाने लगते हैं, तब वास्तव में, न्याय की आशा धुँधली
पड़ जाती है।"
ग़ौरतलब है कि चार जनवरी को पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या
एक चरमपंथी मुसलमान युवा ने कर दी थी। हत्यारा मलिक हुसैन क़ादरी गवर्नर के सुरक्षा दल
का ही सदस्य था जिसने बाद में पुलिस को बताया था कि पाकिस्तान के ईश निन्दा कानून की
आलोचना करने के लिये उसने गवर्नर की हत्या कर दी थी। उसने यह भी बताया कि वह पाकिस्तान
की दावत-ए-इस्लामी मुसलिम दल का सदस्य था।
हत्या के बाद कई इस्लामी चरमपंथी दलों
एवं वकीलों ने अदालत में लाये गये हत्यारे मलिक हुसैन क़ादरी की वाहे वाही की थी। इसके
अतिरिक्त, लगभग 2,000 इन्टरनेट उपभोक्ता फेसबुक पर आरम्भ क़ादरी फैन क्लब से जुड़ गये
थे जिसे बाद में वेब से हटा दिया गया।
इस बीच, गवर्नर की हत्या पर शोक व्यक्त
करते हुए पाकिस्तान की ख्रीस्तीय कलीसियाओं ने नौ जनवरी को "अल्पसंख्यक प्रार्थना दिवस"
मनाया तथा दिवंगत गवर्नर तासीर के प्रति भाव भीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की। पाकिस्तान
के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने उक्त हत्या को कट्टरपंथ निरूपित कर कहा कि यह हत्या,
"देश में बढ़ती धर्मान्धता का संकेत है जो अन्यों के विश्वास एवं मतों का सम्मान नहीं
करती।"
"राईज़िंग पाकिस्तान" नामक मानवाधिकार संगठन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी
कर कहा, "एक हत्यारे की वीरपूजा तथा घृणा को उकसाने वाली संस्कृति की हम कड़ी निन्दा
करते हैं।" सरकार का उन्होंने आह्वान किया कि ईश निन्दा कानून पर वाद विवाद को प्रोत्साहित
करनेवालों की हत्याओं को रोकने के लिये वह यथार्थ एवं अर्थपूर्ण कदम उठाये।