लाहौर, 10 जनवरी, 2011 (उकान) पाकिस्तान के ईसाइयों ने कुछ लोगों द्वारा पंजाब के अंगरक्षक
हत्यारे की सराहना के प्रति चिंता व्यक्त की है। लाहौर के विकर जेनरल फादर अंद्रेयस
निसारी ने सेक्रेड हार्ट महागिरजाघर में यूखरिस्तीय समारोह के समय प्रवचन देते हुए कहा
कि " पाकिस्तान अब दो भागों में बँट गया है एक ओर उदारवादी है और दूसरा ओर कट्टरवादी।"
उन्होंने कहा कि " यदि वकीलों जैसे शिक्षित लोग हत्यारे को मालायें पहनाने लगें तो
ऐसे देश का भविष्य धुँधला ही हो सकता है। यह यही दिखाता है कि समाज का कितना ह्रास हुआ
है।" विदित हो कि पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर की 4 जनवरी को उसके अपने ही अंगरक्षक
मलिक मुमताज़ हुस्सैन कादिरी कर दी । सलमान ने ईशनिन्दा कानून की निन्दा की थी और इस
पर संशोधन कराने की माँग की थी। कादिरी ने हत्या की ज़िम्मेदारी खुले रूप से उठाते
हुए यह भी बताया कि वह दावत- ए-इस्लामी पार्टी का सक्रिय सदस्य है। यह पार्टी मुसलमान
उपदेशकों की पार्टी है। उधर पाकिस्तान धर्माध्यक्षीय समिति ने पंजाब गवर्नर की हत्या
पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि "खुलेआम हत्यायें यह दिखाता है कि देश में
धार्मिक कट्टरवाद की जड़ें मजबूत हो रही हैं और अन्य धर्मों के प्रति असहिष्णुता की भावना
बढ़ीं हैं। " लाहौर धर्मप्रांत के महिला विंग की सचिव अवरा इंदेरियस ने कहा है कि
" पाकिस्तान एक कठिन दौर से गुज़र रहा है। पंजाब के गवर्नर ने एक ऐसे गंभीर मुद्दे को
उठाने का प्रयास किया था जिससे कमजोर वर्ग शोषित है।" ज्ञात हो कि जब गवर्नर सलमान
के हत्यारे को अदालत में पेश किया गया तो कई इस्लाम समर्थक वकीलों ने उसका स्वागत किया
था। फेशबुक में भी करीब 2 हज़ार लोगों ने हत्यारा कादिरी के फैन क्लब में अपने नाम दर्ज़
कराये । पर अब उस पेज को हटा दिया गया है। बताया गया कि पूर्व सूचना मंत्री शेर्री
रहमान के लिये भी फतवा ज़ारी किया गया है जिन्होंने ईशनिन्दा कानून के संशोधन की माँग
की थी। कट्टरवादियों ने कहा है कि " वह मुस्लिम नहीं है और उसे मृत्यु दंड दिया जाना
चाहिये। " कई ईसाई संगठनों ने एक साथ मिलकर 7 जनवरी को एक प्रार्थना सभा का आयोजन
किया और हत्या का विरोध किया। उन्होंने कहा कि " वे ह्त्यारे की तारीफ़ करने और घृणा
और द्वेष की प्रवृतिवाली संस्कृति का विरोध करते हैं " । उन्होंने यह भी कहा कि सरकार
ने भी इस संबंध में कोई ठोस नहीं उठा पायी है, वे सरकार ने अपील करते हैं कि कोई घृणा
और भड़काने वाले वातावरण फैलाने वालों और ईशनिन्दा कानून पर विचार करने वालों की हत्या
करने वालों के विरुद्ध सही और अर्थपूर्ण कदम उठाये।