2011-01-06 15:44:26

भारतीय नैतिक संरचना को मजबूत करना लैतिन रीति के धर्माध्यक्षों का लक्ष्य


भारत में लैटिन रीति के धर्माध्यक्षों की बैठक चेन्नै में सम्पन्न हो रही है ताकि वे समाज की नैतिक संरचनाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए अपने संस्थानों के माध्यम से शिक्षण क्षेत्र में अनमोल योगदान दे सकें। सीसीबीआई के 125 से अधिक सदस्य धर्माध्यक्ष सात दिवसीय बैठक में भाग ले रहे हैं। सीसीबीआई के अध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने उकान समाचार सेवा से कहा कि उन्होंने धर्मशिक्षा को बैठक का शीर्षक चुना है क्योंकि हम महसूस करते हैं कि आज समाज के सामने विद्यमान सार्थक मुद्दों को उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह बैठक सम्मेलन की पिछली बऐठक का फालो अप है जिसमें ईशवचन पर विचार विमर्श किया गया था। कार्डिनल ग्रेशियस ने देश में हाल ही में हुए भ्रष्टाचार की अपकीर्ति पर अप्रत्यक्ष रूप से इंगित करते हुए देश में बढ़ती बेचैनी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि कलीसिया बहुमूल्य शिक्षा द्वारा नैतिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराना चाहती है। हम समाज की नैतिक संरचनाओं को बेहतर बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने ने यह आशा व्यक्त की कि काथलिक संस्थानों में विद्यार्थियों के नैतिक प्रशिक्षण को गहन बनाया जायेगा ताकि वे निजी और समाज के स्तर पर अपना प्रभाव डाल सकें। चेन्नै बैठक में ही हाल ही लागू किये गये मिस्सा ग्रंथ के अंग्रेजी अनुवाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण की विषयवस्तु और प्रशिक्षण की पद्धति पर विचार विमर्श किया जायेगा। 8 जनवरी को चेन्नै स्थित संत थोमस तीर्थालय के राष्ट्रीय तीर्थालय के रूप में समर्पित किये जाने के समारोह में धर्माध्यक्षगण भाग लेंगे। पारम्परिक रूप से माना जाता है कि प्रेरित संत थोमस इसी पहाड़ी स्थल पर शहीद हुए थे। मद्रास मैलापुर महाधर्मप्रांत द्वारा 9 जनवरी को लैटिन रीति के धर्माध्यक्षों का सार्वजनिक अभिनन्दन समारोह होगा जिसमें तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री एम करूणानिधि के उपस्थित रहने की उम्मीद की जा रही है।








All the contents on this site are copyrighted ©.