2011-01-06 13:13:59

प्रभु प्रकाश के महोत्सव पर देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिया गया संत पापा का संदेश


रोम, 6 जनवरी, 2011 (सेदोक, वीआर) मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज हम ‘एपीफनी’ या प्रभु प्रकाश का महोत्सव मना रहे हैं ।

इसे प्रभु प्रकाश का त्योहार कहा जाता है क्योंकि येसु अपने आपको तीन मंजूषियों को प्रकट किया जो पूरी दुनिया के प्रतिनिधि के रूप में पूर्व से बेतलेहेम आये और यहूदियों के राजा को दंडवत किया।

येसु के जन्म के बारे में जानकारी उन्हें आकाश में उदित एक चमकीले तारे के द्वारा प्राप्त हुआ था।

सच बात तो यह है कि तीन राजाओं को येसु के जन्म की ख़बर मिलने के पूर्व इसकी जानकारी जोसेफ और मेरी के परिवार वालों को हो गयी थी

मरिया और जोसेफ के कुटुम्बों के अलावा इसकी जानकारी बेतलेहेम के चरवाहों को भी मिल गयी थी और इसकी ख़बर पाकर वे भी चरनी में लेटे बालक येसु को देखने चले आये थे।

येसु मसीह के आने का संदेश नबियों ने वर्षों पहले दे दिया था पर फिर भी मसीहा के जन्म के बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं थी । पर जब पूर्व से तीन ज्ञानी आये तब और ‘यहूदियों के राजा’ के बारे में पूछ-ताछ करते हुए जब राजा हेरोद के पास आये और उनसे इसके बारे में पूछा तो वे बहुत चिन्तित हुए।

तब राजा हेरोद ने पुरोहितों और शास्त्रियों को बुलाया और उनसे पूछताछ कि तब उन्होंने मिकाह नबी की भविष्यवाणी की याद करते हुए कहा कि मसीहा का जन्म बेतलेहेम में होना है।

और जब तीन ज्ञानियों ने आकाश की ओर देखा तो पाया कि वही चमकीला तारा फिर से उनको राह दिखा रहा है।

जब उन्होंने उस चमकीले तारे का पीछा किया और उसी के इशारे पर वे उस स्थान में पहुँचे जहाँ पर येसु का जन्म हुआ था।

उन्होंने येसु का दंडवत किया और उन्हें सोना लोबान और गंधरस की भेंट चढ़ायीं। यहाँ तीन राजाओं का आना और येसु को दंडवत करना प्रभु प्रकाश का पहला चिह्न है।

तीन राजाओं के आने से सब लोग बहुत चकित थे। माता मरिया के एकलौते अनोखे पुत्र के लिये यह एक विशेष सम्मान था। और इसी के बाद से येसु की विशिष्ट पहचान को दुनिया के लोगों ने पहचाना।

आज भी कलीसिया लोगों को इसी बात को बताने को प्रयासरत है कि विश्व के लिये येसु कौन हैं।

आज विश्व को इस बात को बताये जाने की आवश्यकता है कि येसु कौन हैं औऱ उनका मिशन क्या है। ऐसा इसलिये क्योंकि हर मानव अपनी वास्तविक पहचान को तब जान पाता है जब वह ईश्वर के समक्ष होता है।

और ईश्वर के समक्ष ही वह उसके सच्चे प्रेम के रहस्य को पहचानता है। प्रभु प्रकाश का त्योहार आज इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि सार्वभौव कलीसिया पूरी दुनिया में सुसमाचार का प्रचार करे। वह येसु के वचन का और उसकी ज्योति का प्रचार पूरी दुनिया में करे।

आज प्रत्येक ईसाई का दायित्व है कि वह तारे के समान चमके और लोगों का मार्गदर्शन वैसा ही करे जैसा कि उस चमकीले तारे ने तीन राजाओं के लिये किया।

प्रत्येक ईसाई ज्योति की संतान के समान चमके और स्वर्ग के राज्य के सुख की प्राप्ति के लिये सबों को प्रेरित करे।

सबों को ईशवचन सुनायें ताकि वे येसु को सच्चे ईश्वर के रूप में पहचान सकें और अनन्त जीवन प्राप्त कर सकें।

आज हम फिर एक बार कृतज्ञता के भाव से माता मरिया की ओर देखें जिसमें पूर्ण कलीसिया की छाप है। आज हम तारे को देखें और माता मरिया की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करें ताकि वह हमें उस ज्योति के पास आने में मदद देंगी जिसके श्रोत हैं स्वयं येसु मसीह ।









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