वाटिकन सिटीः नववर्ष को अर्पित ख्रीस्तयाग के दौरान सन्त पापा ने मुक्ति इतिहास में मरियम
की भूमिका पर प्रकाश डाला
वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, पहली जनवरी को, नववर्ष के उपलक्ष्य में अर्पित
ख्रीस्तयाग के दौरान सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मुक्ति इतिहास में मरियम की भूमिका
पर प्रकाश डाला।
पहली जनवरी को काथलिक कलीसिया ईश माता मरियम का महापर्व मनाती
है। इसी उपलक्ष्य में ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने कहा, ............"ख्रीस्त के जन्म के रहस्य पर मनन कराने वाले, ख्रीस्तजयन्ती महापर्व
के आध्यात्मिक भाव में, अभी भी हम सब रमे हुए हैं, आज, इसी भाव में, हम, कुँवारी मरियम
का महापर्व मनाते हैं जिन्हें, अनन्त पिता के पुत्र को देह प्रदान करने के कारण, कलीसिया
ईश माता की संज्ञा प्रदान करती है।"
सन्त पापा ने कहा कि यद्यपि नववर्ष के लिये
निर्धारित धर्मग्रन्थ पाठ येसु पर केन्द्रित हैं तथापि ये मरियम की भूमिका को कम महत्वपूर्ण
नहीं बनाते हैं बल्कि उन्हें, सही परिप्रेक्ष्य में, ख्रीस्त के साथ उनके सम्बन्ध के
कारण, यथार्थ ईश माता रूप में हमारे समक्ष प्रस्तुत करते हैं। पुत्र का महिमागान कर हम
माँ की भक्ति करते हैं तथा माँ की भक्ति द्वारा पुत्र को महिमान्वित करते हैं। मरियम
को प्रदत्त "ईश माता" शीर्षक मुक्ति इतिहास में मरियम की अद्वितीय भूमिका को प्रकाशित
करता है, वह भूमिका जो ख्रीस्तीय विश्वासियों के लिये मरियम भक्ति का आधार बनी है। सच
तो यह है कि मरियम ने केवल अपने आप के लिये ईश्वर का वरदान नहीं पाया अपितु सम्पूर्ण
विश्व के लिये उन्हें यह वरदान मिला। मरियम के कौमार्य में ईश्वर ने मानवजाति को अनन्त
मुक्ति का वरदान दिया। अब मरियम इस वरदान को मनुष्यों में अनवरत बाँटा करती हैं। अनन्त
की ओर तीर्थयात्रा करती मानवजाति को मरियम अनवरत अपनी मध्यस्थता अर्पित करती रहती हैं
जिस प्रकार उन्होंने बेथलेहेम के चरवाहों को अर्पित की थी।
सन्त पापा ने कहा
कि ईश्वर की माता एवं मनुष्यों का माता के नाम पर ही काथलिक कलीसिया ने सन् 1968 में
पहली जनवरी को विश्व शांति दिवस रूप में घोषित किया था। शांति ईश्वर का वरदान है, जैसा
कि धर्मग्रन्थ हमें बताते हैं। शांति येसु की उदारता का फल है जिन्होंने ईश्वर के साथ
मनुष्यों का मेल कराया। शांति एक मानवीय मूल्य भी है जिसे सामाजिक एवं राजनैतिक स्तर
पर भी साकार किया जाना आवश्यक है।