अम्बिका कालना, पश्चिम बंगाल, 27 दिसंबर, 2010 (उकान) पूर्वी भारत के पश्चिम बंगाल के
अंबिका कालना के वर्जिन ऑफ द पूअर चर्च के एक मुसलिम लालू मल्लिक का मानना है कि उसे
क्रिसमस की शोभायात्रा की अगवाई करने में आत्मिक आनन्द और शांति का अनुभव होता है । विदित
हो कि लालू मल्लिक ने विगत 28 वर्षों से उन्होंने क्रिसमस के अवसर पर निकाले जाने वाली
शोभा यात्रा की अगवाई की है। क्रिसमस शोभा यात्रा मे अपनी सक्रिय सहभागिता के बारे
में बतलाते हुए उन्होंने कहा कि 28 वर्ष पहले जब क्रिसमस की शोभा यात्रा निकाली जा रही
थी तब कुछ स्थानीय युवाओं ने इसका विरोध किया था तब उन्होंने बीच-बचाव करके शोभा यात्रा
को आगे बढ़ाया था और तब से ही वह इस धार्मिक प्रोसेशन की अगवाई करते रहे हैं। ज्ञात हो
कि लालू पेशे से कसाई है । पल्ली पुरोहित जेस्विट फादर सेबास्तियन ख़लख़ो ने बताया
कि पल्ली मे प्रत्येक वर्ष क्रिसमस के पूर्व 23 दिसंबर को समय एक शोभायात्रा निकाली जाती
है जिसमें येसु के जन्म की कहानी को झाँकी के रूप में दिखलाया जाता है। फादर सेबास्तिन
ने बताया कि साधारणतः लालू ने पल्ली को मदद करने में ईसाइयों से ज़्यादा उत्साह भी दिखलाया
है। पल्ली की संयोजक समित के बेरनार्ड ने बताया कि लालू मल्लिक ख्रीस्तीय रीति-रिवाज़ो
और धर्मविधियों से पूरी तरह परिचित है और इसके प्रतीकात्मक मह्त्व से परिचित है। उन्होंने
बताया कि कई लोग ख्रीस्तीय समारोहों में हिस्सा लेने को उत्साहित हैं पर उन्हें अपने
समाज के द्वारा बहिष्कृत किये जाने से भयभीत रहते हैं। कई बड़े त्योहारों के अवसर पर
लालू ने पुरोहितों के लिये भोज का भी आयोजन किया है।